बॉलीवुड के मशहूर अभिनेता सुशांत सिंह ने अपने रविवार को अपने आवास पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक सुशांत लंबे वक्त से डिप्रेशन से जूझ रहे थे। वहीं एक अप्रैल से जून के बीच की गई एक ऑनलाइन रिसर्च के अनुसार दुनियाभर में 51.6 प्रतिशत लोग मेंटल डिप्रेशन की चपेट में है। डिप्रेशन एक साइलेंट किलर है। इस बीमारी से कैसे जीता जा सकता है। जानिए इस बारे में योग गुरु स्वामी रामदेव से। स्वामी रामदेव के अनुसार योग से रोग को तो जीतते ही है इसके साथ-साथ मानसिक रूप से हेल्दी होते हैं।
स्वामी रामदेव के अनुसार आदमी डिप्रेशन से बाहर निकलना चाहते तो योग करें। इसके अलावा कई बार अपनों का सपोर्ट न मिल पाने के कारण लोग डिप्रेशन में चले जाते हैं। अपनों की छोटी सी बात निराशा में धकेड़ देती है। इसलिए अपनों से कभी ऐसी बात न करें तो किसी के दिल में गहरी चोट न लगे। इसके साथ ही आपके अंदर किसी भी तरह की परेशानी हैं तो उसे किसी न किसी से शेयर जरूर करें।
डिप्रेशन के लक्षण
- उदासी होना।
- अकेलापन
- याद नहीं कि आखिर बार कब खुश हुए
- नहाने जैसी डेली चीजे टास्क लगना
- ज्यादार समय तक सिरदर्द होना
- स्वास्थ्य में गिरावट
- थकावट अधिक होना
- नकारात्मक सोच अधिक उत्पन्न होना।
- ज्यादा गुस्सा आना।
- बिस्तर से उठाना बड़ा काम लगना।
- लोगों से दूरी बना लेना।
- महसूस होना कि कुछ अच्छा नहीं चल रहा है।
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डिप्रेशन से निजात पाने के लिए योगासन
वक्रासन- इस आसन को करने से आपको किडनी और लिवर संबंधी हर समस्या से निजात मिलेगा। इसे रोजाना आधा से 1 मिनट करें। इससे आपकी स्किन भी हेल्दी रहेगी।
शीर्षासन- इस आसन को करने से पूरा शरीर एक्टिव हो जाता है। सारे केमिकल और हार्मोंस का प्रवाह होगा। स्ट्रेस हार्मोंस को कम करने में मदद करें।
सर्वांगासन- अगर शीर्षासन नहीं कर पा रहे हैं तो सर्वांगासन करें। इससे भी लाभ मिलेगा।
सूक्ष्म व्यायाम- सूक्ष्म व्यायाम करने से भी आप तनाव से निजात मिल सकता है। इसमें आप स्थित कोणासन, तितली आसन आदि कर सकते हैं।
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हलासन- त्वचा में निखार लाने में मददगार, स्ट्रेस और थकान को करें कम।
मंडूकासन- ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल, तनाव और थकान से दिलाए राहत, शरीर की अड़कन करें दूर।
मत्स्यासन- इस आसन को करने से शरीर में ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहता है। फेफड़े को हेल्दी रखने में मदद करें। कई स्किन रोगों से निजात मिलता है। शरीर को मजबूत करता है।
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गौमुख आसन- फेफड़ों की कार्य क्षमता को बढ़ाए। सांस लेने का सिस्टम ठीक करें। रोगों से लड़ने की शक्ति दें। लिवर और किडनी को रखें हेल्दी। रीढ़ की हड्डी को करें मजबूत।
भुजगांसन- इससे आपका शरीर सुंदर सुडौल होता है। कई तरह की स्किन रोग से निजात मिलता है। फेफड़ों में ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक ढंग से होती है इसके साथ ही किडनी हेल्दी रहती है।
शशकासन- लिवर और किडनी को हेल्दी रखने के साथ ही हाथों और कंधों को मजबूत रखता है। जिससे आपको स्किन संबंधी समस्याओं का भी सामना नहीं करना पड़ेगा। इसके अलावा पाचन क्रिया को सही रखें।
मर्कटासन- जोड़ों और कमर दर्द के निजात दिलाएं। कूल्हों के पेन को करें कम। पेट दर्द, सर्वाइकल में फायदेमंद। स्ट्रेस, तनाव को कम करने में मदद करें।
पवनमुक्तासन- बॉडी को डिटॉक्स करता है फेफड़े स्वस्थ और मजबूत करता है। किडनी को स्वस्थ्य करता है, ब्लड प्रेशर को सामान्य करें।
नौकासन- बदहजमी से निजात दिलाता है। कमर और पेट सुडौल बनता है। इसके साथ ही किडनी और लिवर को हेल्दी रखता है। जिससे आपकी स्किन में भी निखार आता है।
बालासन- पीठ और शरीर की अकड़न दूर होती है। ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल, स्ट्रेल और तनाव को करें खत्म, कंधे और पीठ और गर्दन को दें आराम।
तनाव से निजात पाने के लिए प्राणायाम
भस्त्रिका- इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। इसे 1 मिनट से शुरू करके करीब 3 मिनट तक करें।
कपालभाति
कपालभाति करने से हर तरह के कैंसर से निजात मिलता है। हाइपरटेंशन, अस्थमा, खून की कमी, बीपी, हार्ट के ब्लॉकेज वाले लोग 2 सेकंड में एक स्ट्रोक करें।
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अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।।
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सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।
तनाव से निजात पाने के आयुर्वेद उपाय
- मेधावटी का सेवन करें।
- अश्वागंधा का सेवन करें।
- बादाम और अखरोट को भिगोकर खाएं।
- अमृत रसायन का सेवन करें।
- माथे के ऊपर ठंडा पानी रखें।
- प्रकृति के बीच जाएं। इससे आपके दिमाग और मन को शांति मिलेगी।
- मंदिर में घी का दीपक जलाएं
मेडिटेशन करें
स्वामी रामदेव के अनुसार ऊं और गायत्री मंत्र का उच्चारण करें। ओमकार की उपासना से व्यक्ति हर समस्या से निजात मिल जाता है। इससे दिमाग को भी शांति मिलती है। इसके साथ ही शरीर की पूरी इंद्रियां, नड़ियां, पंच कोश, पंच महाभूत हर एक चीज दिव्याता से भर जाते है।