सुशांत सिंह राजपूत ने सुसाइड किया था या फिर ये हत्या है। इस बात का पता लगाने के लिए सीबीआई की टीम दिन रात सबूत खंगालने में लगी हुई है। सुशांत के दोस्त और कुक नीरज से भी बातचीत हुई। इस बीच ऐसी खबरें आ रही हैं कि सीबीआई की टीम ऑटोप्सी करने जा रही है। देश मे तीसरी बार किसी बहुचर्चित मामले में सीबीआई की CFSL टीम साइक्लॉजिकल ऑटोप्सी करेगी। इससे पहले सुनंदा पुष्कर केस और दिल्ली में बुराडी में हुई 11 आत्महत्याओं के मामले में सभी मृतक 11 लोगों की साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी हुई थी। ऐसे में इस समय गूगल पर हर कोई ये सर्च कर रहा है कि ये ऑटोप्सी क्या होता है। इससे क्या पता लगाया जा सकता है। जानिए साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी के बारे में सब कुछ...
क्या होती है साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी
साइकोलॉजिकल ऑटोप्सी में पीड़ित के करीबी लोगों से बातचीत की जाती है। इस बातचीत ये जानने की कोशिश की जाती है कि मरने वाले के दिमाग में आखिरी दिनों में क्या चल रहा था। उसकी मानसिक स्थिति क्या थी। उसकी मानसिक स्थिति में किस तरह का बदलाव आ रहा था, क्या वो आत्महत्या के बारे में सोच रहा था या फिर वो किसी तनाव में था। यानी कि साइक्लॉजिकल ऑटोप्सी के जरिए व्यक्ति की मेटंल कंडीशन के बारे में जानने की कोशिश की जाती है।
सुशांत मामले की बात की जाए तो इसमें अभिनेता के लिखे नोट्स, किताब, व्हाट्सएप मेसेज चैट, सोशल मीडिया पर लिखी हुई तमाम पोस्ट का सीबीआई की फोरेंसिक टीम अध्ययन करेगी। इसके साथ ही परिवार वालों और दोस्तों से भी बातचीत करेगी।
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) के फॉरेंसिक विभाग ने अभिनेता सुशांत सिंह राजपूत की मामले में सीबीआई से शव परीक्षण (ऑटोप्सी) रिपोर्ट के संबंध में दस्तावेज और वीडियो प्राप्त किए हैं। गौरतलब है कि एम्स ने दिवंगत अभिनेता की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट का अध्ययन करने और हत्या की आशंका के मद्देनजर पांच डॉक्टरों का एक पैनल गठित किया है।
आईएएनएस से बातचीत में एम्स फॉरेंसिक विभाग के प्रमुख सुधीर गुप्ता ने कहा, "मैंने सीबीआई के अनुरोध पर एक मेडिकल बोर्ड का गठन किया है। एम्स का पांच सदस्यीय मेडिकल बोर्ड सुशांत की ऑटोप्सी रिपोर्ट की जांच करेगा और हत्या की आशंका पर गौर करेगा।" उन्होंने कहा, "एम्स की टीम को सीबीआई से दस्तावेज और वीडियो मिले हैं और हम इसका अध्ययन कर रहे हैं और ऑटोप्सी के दस्तावेजों और वीडियो को देखने के बाद, हम इस बारे में अपना अवलोकन लिखेंगे।"