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नोएडा के Supertech Twin Tower के ध्वस्त होने से बढ़ेंगी अस्थमा, हाई बीपी समेत ये बीमारियां, डॉक्टर से जानिए बचाव

Supertech Twin Tower: सुपरटेक के ट्विन टावर यानी एपेक्स और सियान टावर के ध्वस्त होते ही धूल का गुबार उठेगा। इससे वायु प्रदूषण पांच गुना तक बढ़ सकता है। इसके कारण अगले 7 से 90 दिनों तक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है।

Edited By: Sushma Kumari @ISushmaPandey
Updated on: August 24, 2022 21:50 IST
Supertech Twin Tower- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV Supertech Twin Tower

Highlights

  • सुपरटेक के ट्विन टावर को 28 अगस्त को ध्वस्त कर दिया जाएगा।
  • सुपरटेक के ट्विन टावर के ध्वस्त होते ही वायु प्रदूषण पांच गुना तक बढ़ सकता है।

Supertech Twin Tower:  सुपरटेक के ट्विन टावर यानी एपेक्स और सियान टावर (Apex and Cyan Towers) के ध्वस्त होते ही धूल का गुबार उठेगा। इससे वायु प्रदूषण (Air Pollution) पांच गुना तक बढ़ सकता है। इसके कारण अगले 7 से 90 दिनों तक लोगों को स्वास्थ्य संबंधी परेशानी का सामना करना पड़ेगा।

बीती घटना से ले सकते हैं सीख

केरल के कोच्चि और मराडु में जनवरी 2020 में चार टावर होली फेथ एच 20, अल्फा सिरीन, जैन कोरल कोव व गोल्डन कायलओरम के ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के लोगों को महीनों तक स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां हुई थीं। इसमें सिरदर्द, अस्थमा, अटैक, जुकाम, कफ और एलर्जी के कारण लोग कई सप्ताह तक परेशान रहे थे। चारों टावर गिरने से 75 हजार टन का मलबा निकला था। इसे हटाने के लिए 70 दिनों से अधिक का समय लगा था। टावर ध्वस्तीकरण के बाद वातावरण में वायु प्रदूषण पांच गुना तक बढ़ गया था। इसके कारण आसपास के लोगों का स्वास्थ्य खराब हो रहा था। इस दौरान प्रशासन को स्वास्थ्य शिविर लगाना पड़ा था। टावर ध्वस्तीकरण के बाद आसपास के घर, पेड़, दीवार, पार्क सहित खाली जगह पर धूल जम गई थी। हल्की हवा चलने पर भी लोगों के घरों में धूल घुस जाती थी।

फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ डी. के. गुप्ता का कहना है कि टावर ध्वस्तीकरण प्रक्रिया के दौरान 10 से 15 किलोमीटर के एरिया में ध्वनि प्रदुषण एवं वायु प्रदूषण के कारण लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है , लेकिन टावर ध्वस्त होते ही यह परेशानी एक दम से बढ़ जाएगी।

एपेक्स व सियान से निकलेगा ढाई लाख टन मलबा

ध्वस्तीकरण के बाद एपेक्स व सियान टावर से ढाई लाख टन मलबा निकलने का अनुमान है। ध्वस्तीकरण से धूल का गुबार करीब डेढ़ सौ मीटर की ऊंचाई में उठने की संभावना है। इसको नियंत्रित करने के लिए आटोमैटिक वाटर स्प्रिंकलर के साथ वाटर टेंडर मौजूद रहेगा। जबकि धूल का गुबार कितनी दूरी तक जाएगा, यह हवा की रफ्तार पर निर्भर करेगा। एमराल्ड कोर्ट सोसायटी व एटीएस विलेज सोसायटी इससे सबसे अधिक प्रभावित रहेंगी। इसके कारण सांस संबंधी बीमारियों से ग्रसित लोगों को विशेष एहतियात बरतने की जरूरत है। 

बरतें ये सावधानियां

धूल के कणों और अचानक बड़े वायु प्रदुषण से लोगों को निम्न बीमारियां हो सकती है 

  • सिर दर्द 
  • आंखों में दिक्कत (जलन होना,लाल हो जाना, खुजली होने की समस्या)
  • क्रॉनिक ब्रोंकाइटिस
  • स्किन रेशेस 
  • नाक बहना ,गले में दिक्कत 
  • कफ की समस्या 
  • अस्थमा के अटैक
  • ब्लड प्रेशर बढ़ जाना 
  • मानसिक तनाव 
  • प्रग्नेंट महिलाओं को जल्दी लेवेर पेन, प्रीमैच्योर डिलीवरी 
  • एलर्जिक सायनुसाइटिस जैसे रोग हो सकते हैं

कैसे कर सकते हैं बचाव?

  • मास्क पहनें 
  • कुछ समय के लिए आस पास के एरिया से दूर रहें 
  • घरों में एयर प्यूरीफायर का प्रयोग करें 
  • बाहर जाने से परहेज करें 
  • नियमित रूप दवा लें (जो किसी भी रोग के लिए दवा खा रहे हैं )
  • स्किन मॉइस्चराइजर का इस्तेमाल करें 
  • आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मे का प्रयोग करें 
  • स्किन या आंखों में जलन होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें 

आस - पास के निवासियों के लिए जरूरी सुझाव 

  • विध्वंस के समय (दोपहर 2:30 बजे) अपने दरवाजे और खिड़कियां बंद रखें
  • आप अपने एसी यूनिट को कवर करने की योजना बना सकते हैं
  • आप अपने वाहनों को कवर करने की योजना बना सकते हैं, विशेष रूप से खुली पार्किंग में पार्क किए गए
  • अधिमानतः अपने एसी को तब तक बंद कर दें जब तक कि विस्फोट के ठीक बाद धूल जम न जाए
  • उस अवधि के लिए अपने फ्लैट/सोसाइटी से बाहर जाने से बचें
  • अगर आपको किसी काम के लिए बाहर जाना पड़े तो ट्रैफिक एडवाइजरी (संलग्न) देखें
  • बालकनियों से कपड़ा आदि हटा दें
  • चिमनी के निकास को कवर करें
  • विध्वंस के दौरान और बाद में सांस की तकलीफ से बचने के लिए मास्क पहनें
  • अंतिम लेकिन सबसे महत्वपूर्ण, कृपया घबराएं नहीं और किसी भी स्थिति में अपना धैर्य बनाए रखें। 
  • किसी भी विषम परिस्थिति से निपटने के लिए फेलिक्स अस्पताल की टीम 24x7 अपने पैरों पर खड़े होंगे।

 - फेलिक्स अस्पताल के चेयरमैन डॉ डी. के. गुप्ता

 

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