महिलाएं तमाम कष्टों को झेलकर बच्चे को जन्म देती हैं। तभी कहा जाता है कि बच्चे को जन्म देना मां के लिए दूसरा जन्म है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाएं जो खाती हैं जो सोचती है उसका असर सीधा बच्चे पर पड़ता है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को जो परेशानियां आती हैं वो हैं खांसी, जुकाम, बुखार आना। खास बात है कि गर्भावस्था के दौरान कोई ऐसा दवा भी नहीं ले सकते क्योंकि इससे बच्चे पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है। कुछ महिलाओं को गर्भावस्था में हाई बीपी , किसी को लो बीपी, किसी को थकान रहती है तो किसी का शुगर भी बढ़ जाता है। ऐसे में स्वामी रामदेव ने महिलाओं को प्रेग्नेंसी के दौरान क्या खाना चाहिए क्या नहीं खाना चाहिए साथ ही किन एक्सरसाइज को करके वो खुद को फिट रख सकती हैं इसके बारे में भी बताया।
प्रेग्नेंसी के दौरान परेशानी
- खांसी, जुकाम, बुखार
- सुस्ती और थकान
- शुगर बढ़ना या घटना
- धड़कन तेज होना
- हाई बीपी या लो बीपी
सूक्ष्म व्यायाम- प्रेग्नेंसी की शुरुआत के तीन महीने तक कर सकते हैं
- गर्दन को दाएं बाएं घुमाएं
- कोहनी मोड़कर हाथों को कंधों के पाए लाएं और कंधों को घुमाएं
- गर्दन को आगे पीछे की ओर करें
- पैरों की उंगलियों को आगे पीछे घुमाएं
सूर्य नमस्कार- 9 महीने तक करते हैं लेकिन धीरे-धीरे
- एनर्जी लेवल बढ़ाने में मददगार
- रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है
- पाचन तंत्र बेहतर रहता है
- शरीर में लचीलापन आता है
- स्मरण शक्ति मजबूत होती है
- वजन बढ़ाने के लिए कारगर
- शरीर को डिटॉक्स करता है
- त्वचा में निखार आता है
- तनाव की समस्या दूर होती है
ये व्यायाम जरूर करें
अनुलोम विलोम
- तनाव को कम करता है।
- कफ से संबंधित समस्या को दूर करता है।
- मन को शांत करता है जिससे एकाग्रता बढ़ती है।
- दिल को स्वस्थ रखता है और ब्लड सर्कुलेशन बेहतर करता है।
भस्त्रिका
- इस प्राणायाम को रोजाना करने से हाइपरटेंशन, अस्थमा, हार्ट संबंधी बीमारी, टीवी, ट्यूमर, बीपी, लिवर सिरोसिस, साइनस, किसी भी तरह की एनर्जी और फेफड़ों के लिए अच्छा माना जाता है।
- भस्त्रिका करने से शरीर में ऑक्सीजन का लेवल बढ़ जाता है। जिसके कारण कैंसर की कोशिकाएं मर जाती हैं।
उज्जयी
मन शांत रहता है, अस्थमा, टीबी, माइग्रेम, अनिद्रा आदि समस्याओं से दिलाएं निजात।
भ्रामरी
इस आसन को करने से तनाव से मुक्ति के साथ मन शांत रहेगा।
उद्गीथ
इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।
शीतली
इस आसन को करने से मन शांत होगा, तनाव, हाइपरटेंशन के साथ-साथ एसिडिटी से निजात मिलेगा।
शीतकारी
इस आसन को करने से तनाव, हाइपरटेंशन से निजात मिलता है। इसके साथ ही अधिक मात्रा में ऑक्सीजन अंदर जाती है।
कमर में दर्द के लिए
मकरासन
- मानसिक तनाव कम होता है
- पेट से जुड़ी समस्याओं के लिए लाभकारी
- पाचन क्रिया को ठीक रखने में मदद करता है
- ब्लड प्रेशर कंट्रोल करता है
- पीठ दर्द के लिए बेहतरीन
भुजंगासन
- मोटापा दूर करने में कारगर
- कमर का निचला हिस्सा मजबूत बनाता है
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है
- मेटाबॉलिज्म सुधरता है
- फेफड़ों और हार्ट की नसों के ब्लॉकेज खोलने में भी मदद मिलती है
मर्कटासन
- मानसिक शांति प्रदान देता है
- पेट संबधी रोग दूर करता है
- कमर की चर्बी को कम करता है
- शरीर में स्फूर्ति और ताजगी आती है
इन चीजों का रखें ध्यान
- तेज गरम मसाले
- बैंगन
- पपीता
- उत्तेजक चीजें नहीं देखना
- लड़ाई झगड़ा नहीं करना
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