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पेट की खराबी की वजह से होती है एसिडिटी, कोलाइटिस और कब्ज की समस्या, स्वामी रामदेव से जानें इसका यौगिक उपचार

स्वामी रामदेव ने पेट को फिट रखने का यौगिक और आयुर्वेदिक उपाय बताया है। इन उपायों को करने से हमेशा डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहेगा और कभी भी इनडाइजेशन की समस्या नहीं होगी।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: August 26, 2020 10:18 IST
Swami Ramdev- India TV Hindi
Image Source : INDIA TV पेट की खराबी की वजह से होती है एसिडिटी, कोलाइटिस और कॉन्सिटिपेशन की समस्या, स्वामी रामदेव से जानें इसका यौगिक उपचार 

जिंदा रहने के लिए खाना बहुत जरूरी है लेकिन कई लोगों को खाने का यही निवाला अस्पताल तक ले जाता है। अक्सर आपने लोगों से सुना होगा कि ये चीज खाने से उनकी तबीयत बिगड़ गई। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि हाजमा आखिर खराब क्यों होता है। क्या आपने सोचा है खाने पीने की चीजों से फूड एलर्जी क्यों होती है। इससे क्या नुकसान होते हैं और इससे आखिर बचा कैसे जा सकता है। 

दरअसल, जब हमारा शरीर किसी चीज को सेहत के लिए ठीक नहीं समझता तो वो उसे स्वीकार नहीं करता रिजेक्ट कर देता है। जिसकी वजह से शरीर पर कई तरह के रिेएक्शन्स दिखाई देने लगते हैं। जैसे किसी के सूजन आ जाती है, किसी के रैशेज पड़ने लगते हैं तो किसी को उल्टी होने लगती है। यहां तक कि कुछ लोगों को सांस लेने में भी दिक्कत होने लगती है। इसे फूड एलर्जी कहते हैं। यानी कि सब बीमारियों का जड़ हमारा पेट है। अगर डाइजेशन मजबूत हो तो आप कई बीमारियों से यू ही बच जाएंगे। आपको कुछ करने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी। ऐसे में स्वामी रामदेव आज पेट को फिट रखने का यौगिक और आयुर्वेदिक उपाय बताएंगे। इन उपायों को करने से हमेशा डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहेगा और कभी भी इनडाइजेशन की समस्या नहीं होगी।

किस चीज से होती है फूड प्वाइजनिंग

  • ग्लूटन वाले फूड
  • डेयरी प्रोडक्ट
  • सोयाबीन 
  • अंडे

इनडाइजेशन से प्रॉब्लम्स

  • एसिडिटी
  • गैस्ट्रिक
  • कब्ज
  • कोलाइटिस

रोजाना कम से कम एक मिनट तक करें हर एक आसन

ताड़ासन करने के फायदे 

  • पीठ के दर्द में राहत 
  • पोस्चर में सुधार होता है
  • लंबाई बढ़ाने में मदद 
  • मानसिक जागरूकता बढ़ती है 
  • घुटनों के दर्द से राहत 
  • संतुलन बनाने में मदद

तिर्यक ताड़ासन

  • हाइट बढ़ाने में फायदेमंद
  • रीढ़ की हड्डी की मालिश होती है
  • वजन कम करने में करें मदद
  • घुटने और पीठ दर्द में फायदेमंद
  • पैर, जांघ, घुटनों को करें मजबूत
  • कब्ज की समस्या दूर करें
  • सांस की बीमारी से निजात दिलाएं
  • फ्लैट पैर को सही करें
  • स्लिप डिस्क होने की संभावना कम करें
  • शरीर की थकान कम करके स्फूर्ति भरें

कटिचक्रासन

  • पेट की कई समस्याओं से छुटकारा पाया जा सकता है
  • डायबिटीज रोगियों को लाभ होता है 
  • इससे कब्ज और गैस की समस्या से भी छुटकारा मिलता है 
  • सांस संबंधी रोग के लिए भी फायदेमंद

भुजंगासन

  • कमर को पतली और आकर्षक बनाएं
  • सीना चौड़ा करें
  • लंबाई बढ़ान में मददगार
  • शरीर की थकावट करें दूर
  • पेट की चर्बी को करें कम
  • कमर दर्द से दिलाएं निजात
  • शरीर में शक्ति औप स्फूर्ति का संचार करें

मंडूकासन

  • डायबिटीज ,कोलाइटिस को कंट्रोल करे
  • इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है
  • कब्ज और गैस की समस्या करे खत्म
  • पाचन तंत्र को करे सही
  • लिवर, किडनी को रखें स्वस्थ्य
  • वजन घटाने में करें मदद
  • इस आसन से पेट संबंधी कई गंभीर बीमारियों से भी राहत मिलती है
  • महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता और असहनीय दर्द को कम करता है 

योगमुद्रासन

  • पेट और दिल के लिए लाभकारी
  • साइनस और माइग्रेन से छुटकारा 
  • इम्यूनिटी बढ़ाता है
  • पाचन तंत्र सही करने में सहायक
  • लिवर और किडनी को स्वस्थ रखता है
  • वजन घटाने में मदद करता है
  • डायबिटीज को रोकने में सहायक

ये आसान भी करें

 

  • पवनमुक्तासन
  • उत्तानपादासन
  • नौकासन

हमेशा फिट रहने के लिए करें ये प्राणायाम

भस्त्रिका

इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा। इसे 1 मिनट से शुरू करके करीब 3 मिनट तक करें। 

कपालभाति

इस प्राणायाम को करने से  पैंक्रियाज के बीटा सेल्स दोबारा एक्टिव हो जाते हैं। जिससे तेजी से इंसुलिन बनने लगता है। इसके अलावा इसे करने से ब्लड सर्कुलेशन ठीक रहने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ता है। 

भ्रामरी
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद करते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को  5 से 7 बार जरूर करना चाहिए। 

अनुलोम विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं। इस प्राणायाम को करने से क्रोनिक डिजीज, तनाव, डिप्रेशन, हार्ट के लिए सबसे बेस्ट माना जाता है। इसके अलावा ये मांसपेशियों की प्रणाली को भी ठीक  रखता है। इसे 10 से 15 मिनट करें।  

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