बदलता मौसम अस्थमा के मरीजों के लिए खतरनाक होता है। ऐसे वक्त में थोड़ी सी भी लापरवाही उनकी सेहत के लिए घातक होती है। अस्थमा के मरीजों को आम तौर पर सांस लेने में दिक्कत होती है। इसके अलावा, खांसी और सीने में जकड़न भी हो जाती है। कुछ लोगों को तो ये समस्या इतनी बढ़ जाती है कि उन्हें दवाई तक खानी पड़ती है। ऐसे में आज हम आपको जड़ी बूटियों से बनी कुछ चाय के बारे में बताते हैं जिन्हें पीने से आपको तुरंत राहत मिलेगी।
नीलगिरी चाय
नीलगिरी की चाय यूकेलिप्टस के पेड़ की पत्तियों से बनाई जाती है। ये एंटी ऑक्सीडेंट्स से भरपूर होती है। जो लोग अस्थमा से पीड़ित हैं उनके लिए ये चाय बहुत फायदेमंद होती है। ये चाय फेफड़ों में सूजन को कम करती है साथ ही बलगम बनने से भी रोकती है।
मुल्येन चाय
ये चाय भी अस्थमा रोगियों के लिए रामबाण है। मुल्येन चाय ब्रोन्काइटिस, बलगम जैसी समस्यों का कारगर उपाय है। ये घबराहट और अस्थमा के लक्षणों के इलाज में फायदेमंद है।
काली चाय
जैसा कि नाम से ही साफ है अगर इस चाय को आप बिना दूध के बनाएं तो ये ज्यादा फायदेमंद होगी। इसमें फायटोकेमिकल्स, एंटी ऑक्सीडेंट्स, फ्लोराइड्स, टेनिन्स जैसे तत्व पाए जाते हैं। ये सभी तत्व डायबिटीज के अलावा अस्थमा जैसी बीमारियों से भी लड़ने का काम करते हैं।
तुलसी और अदरक की चाय
तुलसी और अदरक की चाय तो आपने कई बार पी होगी। ये चाय अस्थमा के अलावा कई बीमारियों से जूझ रहे लोगों के लिए फायदेमंद है।
शहद और दालचीनी की चाय
ये चाय भी अस्थमा के मरीजों के लिए लाभकारी है। इसमें एंटीऑक्सीडेंट्स प्रचुर मात्रा में होता है जो इम्यूनिटी को बूस्ट करता है। इसमें ग्रीन टी की कुछ पत्तियां मिलाने से और भी फायदा होता है। ऐसा इसलिए क्योंकि ग्रीन टी के एंटी ऑक्सीडेंट्स फेफड़ों में सूजन को कम करने का काम करता है। वहीं दालचीनी एंटीफंगल और एंटीवायरल गुणों से भरपूर होती है। अस्थमा के मरीज इसे सुबह और शाम कभी भी पी सकते हैं लेकिन किसी भी चीज की अति बुरी होती है। इसलिए बहुत ज्यादा सेवन से बचें।
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