मशहूर कारोबारी और सहारा ग्रुप के प्रमुख सुब्रत रॉय का कल देर रात मुंबई में निधन हो गया। सुब्रत रॉय काफी दिनों से बीमार चल रहे थे। उन्हें मेटास्टैटिक मैलिंगनैंसी, हाई ब्लड प्रेशर (High Blood Pressure) और डायबिटीज (Diabetes) जैसी कई बीमारियां थीं। जानकारी के मुताबिक 12 नवंबर को अचानक उनकी तबियत काफी खराब होने लगी थी जिसके बाद उन्हें मुंबई के कोकिलाबेन धीरूभाई अंबानी अस्पताल (Kokilaben Dhirubhai Ambani Hospitl, Mumbai) में भर्ती कराया गया था। 14 नवंबर की रात कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट से उनकी मौत हो गई। जानिए कार्डियक अरेस्ट और हार्ट अटैक से कितना अलग है कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट और इससे कैसे बचा जा सकता है?
कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट क्या है
कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट में व्यक्ति का दिल और फेफड़े दोनों एक साथ काम करना बंद कर देते हैं। यानि शरीर में सांस और खून की सप्लाई दोनों एक साथ रुक जाती है। ऐसी स्थिति बेहद खतरनाक होती है इसमें मरीज को बिना देरी दिए अस्पताल ले जाना चाहिए। ऐसी स्थिति में कई बार मरीज पहले बेहोश हो जाता है। ऐसा हार्ट के ठीक से फंक्शन नहीं करने की वजह से होता है।
कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के कारण
वैसे कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट के सही कारण पता लगाना काफी मुश्किल हो जाता है। अगर आपको हार्ट से जुड़ी बीमारी है या फिर दवाओं के ओवरडोज की वजह से भी ऐसा हो सकता है। कई बार डूबने या फिर अचानक चोट लगने की वजह से भी ऐसा हो सकता है।
कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट आने पर क्या करें?
ऐसी स्थिति में मरीज का दिल और फेफड़े एक साथ काम करना बंद कर देते हैं। अगर किसी व्यक्ति को कार्डियोरेस्पिरेटरी अरेस्ट आए तो उसे बिना देरी किए सीपीआर देना चाहिए। मरीज को तुंरत अस्पताल लेकर जाएं।
कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट, हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट के बीच अंतर
सडन कार्डियक अरेस्ट- सडन कार्डियक अरेस्ट, हार्ट अटैक और कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट में काफी अंतर होता है। सडन कार्डियक अरेस्ट में हार्ट अचानक काम करना बंद कर देता है। दिल की धड़कन अचानक रुक जाती है और शरीर के दूसरे अंगों में खून की सप्लाई बंद हो जाती है। कार्डियक अरेस्ट में व्यक्ति बेहोश भी हो सकता है।
हार्ट फेलियर- हार्ट फेल होना एक क्रोनिक बीमारी है, जिसमें हार्ट शरीर की जरूरत के हिसाब से ब्लड को पंप नहीं कर पाता और हार्ट के एक हिस्से में खून की सप्लाई रुक जाती है। समय से साथ ये बीमारी बढ़ने लगती है। जिससे हार्ट अटैक जैसी बीमारियां सामने आती हैं।
कार्डियोपल्मोनरी अरेस्ट- इस स्थिति में हार्ट और फेफड़े एक साथ काम करना बंद कर देते हैं। यानि शरीर में ऑक्सीजन और खून की सप्लाई एक साथ बंद हो जाती है।