Stroke In Women: दुनिया भर में स्ट्रोक से होने वाली मौतों का आंकड़ा बढ़ रहा है। खासतौर से कम और मीडियम इनकम वाले देशों में स्ट्रोल के मरीज चिंताजनक तरीके से बढ़ रहे हैं। न्यूयॉर्क टाइम्स की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिका में करीब 8 लाख लोग स्ट्रोल की समस्या से पीड़ित हैं। यहां हर साल पुरुषों के मुकाबले महिलाओं को स्ट्रोक आता है और मौत की वजह बनता है। ऐसे कई कारण हैं जिनकी वजह से महिलाओं को पुरुषों से ज्यादा स्ट्रोक का खतरा रहता है। 45 साल के बाद शरीर में होने वाले हार्मोंस बदलाव की वजब से स्ट्रोक का खतरा काफी बढ़ जाता है।
महिलाओं को स्ट्रोक का ज्यादा खतरा क्यों है?
1- महिलाओं के शरीर में अलग-अलग उम्र पर कई बार हार्मोंस में बदलाव आता है जिससे स्ट्रोक का खतरा बढ़ जाता है। पीरियड्स, गर्भावस्था और मेनोपॉज जैसे हार्मोनल उतार-चढ़ाव की वजह से महिलाओं में स्ट्रोक के जोखिम बढ़ जाते हैं।
2- गर्भावस्था के दौरान ब्लड प्रेशर में बदलाव आने और हार्ट पर ज्यादा प्रेशर पड़ने से भी स्ट्रोक का खतरा पैदा हो जाता है। जो महिलाएं ज्यादा लंबे समय तक गर्भनिरोधक गोलियों का उपयोग करती हैं उनके शरीर पर भी असर पड़ता है।
3- आजकल महिलाएं धूम्रपान और शराब का ज्यादा सेवन करने लगी हैं जो हाई ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक के खतरे को बढ़ाता है। मेनोपॉज के दौरान बॉडी में एस्ट्रोजन का कम बनना भी खतरे को बढ़ाता है।
4- जिन महिलाओं को माइग्रेन और ऑरा की समस्या होती है उन्हें स्ट्रोक का खतरा ज्यादा रहता है। इसके अलावा महिलाओं में ऑटोइम्यून बीमारियां, जैसे ल्यूपस और एंटीफॉस्फोलिपिड सिंड्रोम ज्यादा आम है जो स्ट्रोक के खतरे को बढ़ा सकते हैं।
स्ट्रोक के खतरे से कैसे बचें महिलाएं
- सबसे पहले नियमित रूप से अपना ब्लड प्रेशर चेक करती रहें और बीपी कंट्रोल में रखें।
- खाने-पीने में हेल्दी फूड जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज, लीन प्रोटीन और लो फैट वाली डाइट लें।
- वजन को कंट्रोल रखें और रोजाना कुछ न कुछ फिजिकल एक्टिविटी जरूर करें
- महिलाओं को सिगरेट, शराब जैसे धूम्रपान से दूर रहना चाहिए और धुएं वाली जगह पर न रहें
- लंबे समय तक तनाव और चिंता में रहने से बचें और रात नें भरपूर अच्छी नीद लें
- मेनोपॉज के लक्षण दिखने पर हार्मोन थेरेपी लें इससे आपके स्वास्थ्य पर अच्छा असर पड़ेगा
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)