बारिश के मौसम का आगाज़ हो चूका है। मॉनसून आने से हमे गर्मी से रिहाई तो मिल गयी है। लेकिन, बरसात का यह मौसम भी अपने साथ कई बीमारियां भी लेकर आता है। इस बदलते मौसम में वायरल औऱ संक्रमण की संभावना तेजी से बढ़ रही है। दरअसल, इन दिनों देश के कई राज्यों में गैस्ट्रोएंटेराइटिस (Gastroenteritis) नामक बीमारी के मामले सामने आए है। ऐसे में जीआई और एंडोस्कोपी क्लिनिक, गैस्ट्रोक्योर लिवर, डॉ.कपिल शर्मा हमे बता रहे हैं कि गैस्ट्रोएंटेराइटिस क्या है? इसके लक्षण कैसे पहचानें और बचाव के लिए क्या करें?
क्या है गैस्ट्रोएंटेराइटिस? (What is gastroenteritis)
गैस्ट्रोएंटेराइटिस जिसे पेट फ्लू भी कहा जाता है। इस बीमारी में पेट और आंतों की सूजन आने लगती है जिस कारण दस्त, उल्टी और पेट दर्द होने लगता है। खासकर, मौसम के बदलाव के दौरान, गैस्ट्रोएंटेराइटिस की समस्याएं लोगों में बहुत बढ़ जाती हैं। बारिश की वजह से वायरस, बैक्टीरिया बढ़ने लगते हैं, जिससे संक्रमण की दर बढ़ सकती है।
गैस्ट्रोएंटेराइटिस के लक्षण (Symptoms of gastroenteritis)
- अचानक दस्त होना
- बहुत ज़्यादा उल्टी होना
- जी का मिचलाना
- पेट में लगातार ऐंठन
- वायरल बुखार
गैस्ट्रोएंटेराइटिस को रोकने के उपाय? Ways to prevent gastroenteritis?
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गैस्ट्रोएंटेराइटिस को रोकने के लिए सबसे पहल हाइजीन पर ध्यान दें।अपने आसपास स्वच्छता बनाए रखें। कहीं पर भी पानी ठहरने न दें।
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नियमित रूप से साबुन और पानी से हाथ धोएं, खासकर खाने से पहले और बाथरूम का उपयोग करने के बाद,
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संक्रमण के जोखिम को काफी कम कर सकता है। यह सुनिश्चित करना भी महत्वपूर्ण है कि
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भोजन ठीक से पकाया और अच्छी तरह से ढककर रखा गया हो
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स्ट्रीट फूड से जितना हो सके उतना परहेज करें।
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पानी को बॉइल कर पिएं।
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अपनी बॉडी को हाइड्रेटेड ररखें। ओरल रिहाइड्रेशन सॉल्यूशन (ORS) तरल पदार्थ और इलेक्ट्रोलाइट्स को बदलने में मदद कर सकता है।
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शिशुओं के लिए रोटावायरस वैक्सीन जैसे टीकाकरण, कुछ प्रकार के गैस्ट्रोएंटेराइटिस से सुरक्षा प्रदान कर सकते हैं।
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इन एहतियात के बाद भी लक्षण बने रहते हैं उसे रोकने के लिए फौरन डॉक्टर से समपर्क करें। इन उपायों का पालन करके आप गैस्ट्रोएंटेराइटिस के जोखिम को कम कर सकते हैं।