अगर आपका लोवर बॉडी फैट भी दिन ब दिन बढ़ते जा रहा है तो उसे कम करने के लिए आप अपनी एक्सरसाइज़ रूटीन में स्क्वाट्स को ज़रूर शामिल करें स्क्वाट जांघ, हैमस्ट्रिंग और हिप्स की मांसपेसियों को मजबूत बनाता है। साथ ही थाइज़ और कमर की बढ़ती चर्बी को भी कम करता है। स्क्वाट करने से कैलोरी तेजी से बर्न होती हैं, जिससे शरीर फिट रहता है। इतना ही नहीं इस एक्सरसाइज से बॉडी का स्ट्रेंथ और लचीलापन भी तेजी से बढ़ता है। इसलिए अगर अपने शरीर के निचले हिस्से का वजन कम करना चाहते हैं तो नियमित फिटनेस रूटीन में स्क्वाट को शामिल करें।
इस एक्सरसाइज से शरीर को मिलते हैं ये फायदे:
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शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को मजबूत बनाता है: स्क्वाट शरीर के निचले हिस्से की मांसपेशियों को सक्रिय करता है, जिसमें क्वाड्रिसेप्स, हैमस्ट्रिंग, ग्लूट्स और पिंडलियाँ शामिल हैं। मांसपेशियों की बढ़ी हुई ताकत गिरने और चोट लगने के जोखिम को कम कर सकती है।
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कोर की ताकत में सुधार करता है: सही तरीके से स्क्वाट करने पर यह आपकी कोर मांसपेशियों को एक्टिव करता है। स्क्वैट में संतुलन बनाए रखने के लिए कोर की मांसपेशियों (पेट और पीठ के निचले हिस्से) को एक्टिव करने की आवश्यकता होती है।
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लचीलापन बढ़ाता है: स्क्वैट हिप फ्लेक्सर्स, पिंडलियों और पीठ के निचले हिस्से को फैलाती है। ऐसे में इसे करने से शरीर में लचीलापन बढ़ता है, जिस वजह से मांसपेशियों की अकड़न या जड़ों का दर्द कम होता है।
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कैलोरी बर्न करता है: कैलोरी बर्न करता है: स्क्वाट्स एक मिश्रित व्यायाम है जिसे करने से कैलोरी तेजी से बर्न होती है। बढ़ी हुई कैलोरी की वजह से मोटापा तेजी से बढ़ता है ऐसे में उसे कम करने में यह व्यायाम प्रभावी है।
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जोड़ो के लिए फायदेमंद: स्क्वाट्स जोड़ों की सेहत के लिए फायदेमंद है खासकर घुटनों और कूल्हों के लिए. जोड़ों के आसपास की मजबूत मांसपेशियां बेहतर सहारा प्रदान करती हैं और गठिया और जोड़ों के दर्द के जोखिम को कम करती हैं।
कैसे करें स्क्वाट्स?
सबसे पहले सावधान मुद्रा में खड़े हो जाएं। अपने दोनों हाथों को अपने सामने खोलें। अब अपने घुटनों को ऐसे मोड़ें जैसे आप कुर्सी पर बैठ रहे हैं। इस दौरान आपके दोनों पैरों में समान अंतर होना चाहिए। अब, नीचे झुकें जब तक आपकी जांघें जमीन के समांतर न हों। इसके बाद सामान्य स्थिति में आ जाएं। इसको 20 बार 3 सेट में करें