Sunday, December 22, 2024
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योग और आयुर्वेद से छूट जाएगी सिगरेट-शराब की लत, स्वामी रामदेव से जानिए नशा मुक्ति का उपाय

स्वामी रामदेव ने बताया कि जिसका लंग और लीवर कमजोर होगा, वो कोरोना से लेकर जिंदगी की जंग तक नहीं जीत पाएगा। नशे का असर फेफड़े, लीवर, किडनी सहित शरीर के अन्य कई अहम हिस्सों पर पड़ता है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated : July 17, 2020 9:16 IST
स्वामी रामदेव से जानिए नशा मुक्ति का उपाय
Image Source : INDIA TV स्वामी रामदेव से जानिए नशा मुक्ति का उपाय

कोरोना वायरस की वजह से लोगों की जिंदगी में कई बड़े बदलाव देखने को मिले हैं। इस मुश्किल समय में शरीर को स्वस्थ रखने और इम्युनिटी बढ़ाने की सलाह दी जा रही है, लेकिन सिगरेट-शराब का सेवन करने वाले परेशान हैं। ऐसे में इंडिया टीवी के स्पेशल प्रोग्राम 'कोरोना से जंग, बाबा रामदेव के संग' में स्वामी रामदेव देशवासियों को योगासन के जरिए स्वस्थ रहना सिखा रहे हैं। उन्होंने योग और आयुर्वेद के जरिए नशा मुक्ति का 100 प्रतिशत सॉल्यूशन बताया है। 

स्वामी रामदेव ने बताया कि जिसका लंग और लीवर कमजोर होगा, वो कोरोना से लेकर जिंदगी की जंग तक नहीं जीत पाएगा। नशे का असर फेफड़े, लीवर, किडनी सहित शरीर के अन्य कई अहम हिस्सों पर पड़ता है। इसलिए अपने लाइफस्टाइल को बदलें। सुबह सुबह तेजी से चले। फुटबॉल खेलें। तेजी से योगा करें। इससे शरीर में अच्छे हार्मोन्स बाहर निकलते हैं, जो नशा छुड़ाने में मदद करते हैं। 

चाय-कॉफी भी है हल्का नशा

स्वामी रामदेव से सीखिए 'अर्क उपचार', सिगरेट-शराब और गुटखा के नशे से मिलेगा छुटकारा ​

स्वामी रामदेव ने बताया कि कैफीन भी एक हल्का नशा है। इसलिए चाय-कॉफी में भी हल्का नशा होता है। रामदेव ने कहा कि पहले नशे को छोड़ना और फिर खराब लीवर या लंग को ठीक करना है। 1-2 दिन में इन योगासनों को करने से नशे की आदत छूटने लगेगी। पेट साफ होने लगेगा। भूख अच्छी लगने लगेगी। 5-7 दिन में नशा छूट जाएगा। 

नशे से मुक्ति पाने के लिए करें ये योगासन: 

सूर्य नमस्कार- 2 बार से शुरू करके 10 और 20 बार तक करना चाहिए। इससे त्वचा में निखार आता है। वजन बढ़ाने में कारगर है। एनर्जी लेवल बढ़ाता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। शरीर में लचीलापन आता है। ऊर्चा मिलती है। 

सूक्ष्म व्यायाम- सर्वाइकल में राहत के लिए मददगार। पूरा दिन शरीर चुस्त रहता है। थकान नहीं रहती है। शरीर योग और प्राणायाम के लिए तैयार होता है।

यौगिक जॉगिंग- शरीर को सुडौल और फिट बताता है। शरीर को ऊर्जावान बनाता है। सभी अंगों को एक्टिव करता है। 

स्थित कोणासन- शरीर को ऊर्जा मिलती है। बालों का विकास होता है। तनाव और चिंता से राहत मिलती है। एकाग्रता और आत्मविश्वास बढ़ता है। 

ताड़ासान- शरीर के दर्द को दूर करता है। थकान दूर होती है। स्फूर्ति मिलती है। एकाग्रता बढ़ती है। वजन कम करने में मददगार है। घुटने और पीठ दर्द से राहत मिलती है। 

भुजंगासन- इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। अस्थमा को दूर भगाता है। फेफड़े स्वस्थ और मजबूत बनते हैं। तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर होता है। शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। लीवर से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत करता है। 

मंडूकासन- इम्यून सिस्टम बेहतर होता है। पेट से जुड़े रोग दूर होते हैं। पाचन तंत्र को सही करता है। तनाव से छुटकारा मिलता है। साइनस और माइग्रेन में लाभकारी है। 

योग मुद्रासन- पेट से जुड़े रोगों से मुक्ति मिलती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। पेट की चर्बी खत्म होती है। वजन घटाने में मदद मिलती है। डायबिटीज की बीमारी से फायदा होता है। किडनी को स्वस्थ रखता है। रीढ़ की हड्डी को लचीली बनाता है। मन और शरीर को शांत बनाता है। इम्यून सिस्टम को बेहतर बनाता है। 

वक्रासन- फेफड़ों की क्षमता को बढ़ाता है। रोगों से लड़ने की शक्ति मिलती है। पाचन तंत्र बेहतर होता है। वजन कम करने में मदद करता है। किडनी लीवर को हेल्दी बनाता है। रीढ़ की हड्डी को लचीला बनाता है। नर्वस सिस्टम को ठीक करता है। डिप्रेशन को दूर करने में मददगार है। 

शलभासन- तंत्रिका तंत्र को मजबूत बनाता है। पेट से जुड़ी समस्याओं को खत्म करता है। शरीर को लचीला बनाता है। 

पवनमुक्तासन- पेट के लिए उत्तम योगासन है। पेट की समस्याओं से निजात मिलती है। चर्बी को दूर करता है। मोटापा कम करने में मददगार है। पेट की मांसपेशियां सक्रिय होती है। गैस, कब्ज और अपच की समस्या को दूर करता है। भोजन को पचाने में मददगार है।

उत्तानपादासन- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाता है। तनाव और डिप्रेशन दूर करता है। 

शीर्षासन- अस्थमा को दूर करने में मददगार है। तनाव और चिंता दूर करता है। एकाग्रता को बढ़ाता है। चेहरे की झुर्रियां गायब हो जाती हैं। चेहरे में चमक आती है। सुंदरता बढ़ती है। आंखों की रोशनी बढ़ाने में मददगार है। तंत्रिका तंत्र को मजबूत करता है। दिमाग में ब्लड सर्कुलेशन को बढ़ाता है। आत्मविश्वास को बढ़ाता है। 

इन प्राणायाम को करने से मिलेगा फायदा:

भस्त्रिका प्राणायाम- अस्थमा रोग को दूर करता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ाता है। वजन घटाने में कारगर है। शुगर को कंट्रोल करने में मददगार है। तनाव और चिंता दूर करता है। इससे लंग मजबूत बनता है। 

कपालभाति- फेफड़ों को ऑक्सीजन मिलता है। पाचन क्रिया को सुधारता है। पेट की मांसपेशियों को मजबूत करता है। वजन घटना में मदद मिलती है।

अनुलोम-विलोम- ब्लड सर्कुलेशन अच्छा होता है। शरीर को स्वस्थ रखता है। तनाव और चिंता दूर करने में सहायक है।

उद्गीथ प्राणायाम- वजन घटाने में मदद करता है। नर्वस सिस्टम को ठीक करता है। पाचन से जुड़ी दिक्कतों को दूर करता है। ब्लड प्रेशर सामान्य होता है। 

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