एलोवरा स्किन के साथ-साथ सेहत के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। विटामिन, खनिज, फ्लेवोनोइड्स, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, पॉलीफेनोल्स,एक्टीऑक्सीडेंटऔर अन्य तत्तों से भरपूर एलोवेरा वजन घटाने, पाचन तंत्र को ठीक रखने, इंम्यूनिटी मजबूत करने, ब्लड शुगर को कंट्रोल करने के साथ किडनी, हार्ट, लिवर, लंग्स आदि को हेल्दी रखने में मदद करता है।
एलोवेरा जूस का सेवन करना सेहत के लिए काफी अच्छा है। लेकिन लोग इसकी सही मात्रा ना लेकर अधिक मात्रा में कर लेते हैं। जिससे फायदे की जगह भारी नुकसान होता है। जानिए इसका अधिक सेवन करने से होने वाले नुकसान के बारे में।
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बढ़ सकता है हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा
एलोवेरा का जूस का सेवन नियमित रूप से करने से ब्लड शुगर आसानी से कंट्रोल हो जाता है। इसमें कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स पाा जाता है। जो आसानी से ब्लड शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है। इसके साथ ही इसमें मौजूद आहार फाइबर ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। हालांकि एलोवेरा डायबिटीज रोगियों के लिए अच्छा है। लेकिन इसका अधिक सेवन हानिकारक हो सकता है। इसलिए इसका सेवन कम मात्रा में करें और डॉक्टर से सलाह लेने के बाद ही करें।
एलोवेरा का अत्यधिक सेवन करने से ब्लड शुगर असामान्य रूप से निम्न स्तर तक कम कर सकता है, जिससे हाइपोग्लाइसीमिया का खतरा बढ़ जाता है। इसके कारण आपको अत्यधिक पसीना आना, अत्यधिक भूख लगना, बेहोशी, थकान, चक्कर आना, कंपकंपी, मतली, उल्टी, सूखा और झुनझुनी जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
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एलर्जी
एलोवेरा से बने जेल का उपयोग सावधानी से करना चाहिए क्योंकि इससे अधिकांश लोगों को एलर्जी हो सकती है। एलोवेरा जेल से होने वाली कुछ चीजें एलर्जी प्रतिक्रियाएं त्वचा पर चकत्ते और जलन, त्वचा में लालिमा और जलन आदि हैं। यदि आप एलोवेरा जेल का उपयोग करना चाहते हैं तो सलाह दी जाती है कि पहले थोड़ी मात्रा में परीक्षण करें अगर आपको एलर्जी हो रही है तो बिल्कुल भी इसका इस्तेमाल ना करे।
प्रेग्नेंसी और ब्रेस्ट फीडिंग के समय
एलोवेरा में पोषक तत्व जैसे विटामिन, खनिज, एंटीऑक्सिडेंट, फाइटोन्यूट्रिएंट्स, पॉलीफेनोल्स और फाइबर अधिक मात्रा में पाया जाता है। जो सेहत के लिए काफी अच्छा माना जाता है। लेकिन प्रेग्नेंसी और ब्रेस्टफीडिंग कराने वाली महिलाओं को को इसका सेवन करने से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। क्योंकि इसमें ऐसे यौगिक होते हैं जो गर्भावस्था को नकारात्मक रूप से प्रभावित करते हैं। एलोवेरा जूस और कुछ एलोवेरा उत्पादों में "एंथ्राक्विनोन" हो सकते हैं जो गर्भाशय के संकुचन को उत्तेजित कर सकते हैं, और इससे गर्भपात या समय से पहले जन्म का खतरा बढ़ जाता है। इसके साथ ही क्योंकि इससे ब्रेस्ट फीडिंग कराने वाले शिशुओं में जहरीले कोलाइटिस का खतरा बढ़ सकता है। हो सकती है
हाइड्रेशन की समस्या
एलोवेरा में पानी की उच्च मात्रा के कारण हमारी त्वचा को हाइड्रेट और मॉइस्चराइज रखने के लिए जाना जाता है। हालांकि, एलोवेरा के अत्यधिक सेवन से बचना चाहिए क्योंकि इसके रेचक गुणों के कारण यह हाइड्रेशन की समस्या हो सकती है इसके साथ ही यह हमारे सिस्टम से बहुत अधिक पानी को अवशोषित कर सकती है जिससे हाइड्रेशन हो सकता है। लंबे समय तक अधिक हाइड्रेशन होने से यूरिन इंफेक्शन, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन, किडनी में पथरी या किडनी फेल तक हो सकती है।
पेट की परेशानी का कारण
एलोवेरा की पत्तियों में मौजूद लेटेक्स लैक्सेटिव नेचर की होती है। जो कब्ज और अन्य पाचन समस्याओं से राहत देता है। हालांकि, जब एलोवेरा या एलोवेरा जूस का अधिक मात्रा में सेवन किया जाता है, तो यह पेट की परेशानी और अन्य पाचन समस्याओं जैसे अत्यधिक ऐंठन, पेट दर्द, आंतों की गैस, आंतों में रुकावट आदि का कारण बन सकता है। इस कारण से एलोवेरा का कम मात्रा में सेवन करने की सलाह दी जाती है। इसके साथ ही अगर आप पेट की समस्याओं का सामना कर रहे हैं तो बेहतर है कि एलोवेरा का सेवन न करें।