Highlights
- इस परेशानी को एडहेसिव कैप्सूलाइटिस नाम भी दिया गया है।
- वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस समस्या का सामना 40 साल से लेकर 70 साल की महिलाएं अधिकतर करती हैं।
Shoulder Pain: फ्रोजन शोल्डर की समस्या होने पर अक्सर कंधे की हड्डी की मूवमेंट होने में काफी ज्यादा दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इस परेशानी को एडहेसिव कैप्सूलाइटिस नाम भी दिया गया है। हर ज्वॉइंट्स के बाहर एक कैप्सूल होती है, जब यह कैप्सूल लगातार स्टिफ और सख्त होने लगती है तो इससे कंधे में दर्द और अकड़न होनी भी शुरू हो जाती है जिसके कारण शोल्डर जाम हो जाता है। इसी को फ्रोज़न शोल्डर कहा जाता है। बता दें कि कन्धों की यह अकड़न ज़्यादातर कन्धों में सूजन के दौरान महसूस होती है. क्यूंकि इस दरमियान कंधों की हड्डियों को जोड़कर रखने वाली कैप्सूल में सूज जाती है। वहीं एक्सपर्ट्स का मानना है कि इस समस्या का सामना 40 साल से लेकर 70 साल की महिलाएं अधिकतर करती हैं। वहीँ पुरुष भी फ़्रोज़न शोल्डर का शिकार बन सकते हैं।
- कंधे की अकड़न को तीन भागों में बांटा गया है, जो कई महीनों तक बना रहता है। आइये इनके बारे में विस्तार कसे जानते हैं।
- फ्रीजिंग या दर्दनाक चरण (Freezing): इस चरण में कंधे का दर्द धीरे-धीरे बढ़ता है और रात के समय यह दर्द और ज़्यादा बढ़ जाता है। यह दर्द आमतौर पर 2 से 9 महीने तक बना रहता है।
- फ्रोजन (Frozen): यह फ्रोजन शोल्डर का दूसरा भाग है। इसमें फ्रीजिंग चरण के मुकाबले दर्द का एहसास थोड़ा कम होता है। यह चरण 4 से 12 महीने रह सकता है।
- थाविंग (Thawing): यह फ्रोजन शोल्डर का आखरी चरण माना जाता है। इसमें कंधा पहले की तरह काम नहीं कर पता। हालांकि, शोल्डर में बार बार दर्द उठने की संभावना बनी रहती है। इसमें कम से कम 12 से 42 महीने तक दर्द बना रहता है।
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कैसे होगा कंधे का दर्द ठीक
दवाइयां
कंधे की अकड़न के दौरान सूजन और दर्द को कम करने के लिए डॉक्टर नॉनस्टेरॉइडल एंटी-इंफ्लेमेटरी दवा का इस्तेमाल करते हैं। इसके अलावा, फ्रोजन शोल्डर के लिए कॉर्टिकोस्टेरॉइड के मौखिक इस्तेमाल के लिए भी सिफारिश की जा सकती है।
फिजियोथेरेपी
कंधे की अकड़न के इलाज के लिए फिजियोथेरेपी बहुत कामगार मानी जाती है। इसमें कुछ स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज शामिल होती है जिसकी मदद से कंधे की अकड़न को ठीक किया जाता है। इन व्यायामों में फॉरवर्ड इंटरनल रोटेशन, एलिवेशन, एक्सटर्नल रोटेशन और क्रॉस बॉडी एडिक्शन भी शामिल हैं। फिजियोथेरेपी को कम से कम 5 से 10 मिनट के अंतराल पर रोजाना 5 से 6 बार प्रैक्टिस काना होगा।
कॉर्टिकोस्टेरॉइड इंजेक्शन
कंधे की अकड़न के फ्रीजिंग स्टेज यानी सबसे पहले स्टेज में इस इंजेक्शन की सिफारिश कर सकते हैं। यह खासतौर पर कंधे के दर्द को कम करने में मदादार होता है। इसको लगाने के बाद धीरे धीरे दर्द का एहसास होना भी कम हो जाता है।
हाइड्रोडिस्टेंस
फ्रोजन शोल्डर के इलाज में हाइड्रोडिस्टेंस का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। यह कंधे की अकड़न से हो रहे दर्द से राहत देता है। लेकिन सिर्फ थोड़े समय के लिए ही।
सर्जिकल प्रक्रिया
अगर दर्द में कोई भी दवा, फिजियोथेरेपी या फिर इंजेक्शन के इस्तेमाल के 3 से 6 महीने के बाद भी दर्द और स्टिफनेस में आराम नहीं होता है। तो ऐसे में डॉक्टर सर्जिकल तरीके से इलाज करते हैं। इसमें कंधे की अकड़न की गंभीरता के अनुसार डॉक्टर्स सर्जरी को चुनते हैं और अंजाम देते हैं।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।
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