एंग्जाइटी या पैनिक अटैक की स्थिति कई बार बेचैन कर देती है। कुछ लोग इसे हार्ट अटैक के संकेत मान लेते हैं तो कई बार लोगों को इस स्थिति के बारे में पता नहीं चल पाता है। हालांकि एंग्जाइटी अटैक कोई सीरियस या घबराने वाली स्थिति नहीं है, लेकिन आपको इसके कारण जरूर पता होने चाहिए। एंग्जाइटी होने के कई कारण हो सकते हैं। जिसमें तनाव, कुछ न कह पाना, अपनी फीलिंग खुलकर एक्सप्रेस न कर पाना, ज्यादा सोचना, काम का बोझ या फिर बढ़ती जिम्मेदारियां भी इसका कारण हो सकती हैं। अगर आपको सही कारणों का पता होगा तो आप उन परिस्थितियों से बच सकते हैं या फिर उन्हें ठीक कर सकते हैं। आइये जानते हैं एंग्जाइटी के कारण और लक्षण क्या हैं?
कई बार लोग एंग्जायटी डिसऑर्डर से परेशान होते हैं, लेकिन उन्हें ये पता नहीं होता है कि ये क्या बीमारी है। अगर एंग्जाइटी को ठीक नहीं किया तो ये लंबे समय में गंभीर हो सकती है। बढ़ती एंग्जाइटी आपको डिप्रेशन की ओर धकेल सकती है। शारदा हॉस्पिटल के इंटरनल मेडिसिन डिपार्टमेंट के प्रोफेसर डॉ भुमेश त्यागी से जानते हैं एंग्जाइटी के लक्षण क्या हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है?
एंग्जाइटी के लक्षण
- बेचैनी और घबराहट महसूस होना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- नींद ने आना और चक्कर आना
- पाचन से जुड़ी समस्या और जी मिचलाना
- कमजोरी और ज्यादा पसीना आना
- हाथ-पैर का ठंडा या सुन्न पड़ना
- अचानक से हार्ट बीट तेज होना
- किसी काम में मन न लगना
एंग्जाइटी के क्या हैं कारण?
वैसे तो हर किसो के एंग्जाइटी होने के अलग-अलग कारण हो सकते हैं। आपको ये पहचानना है कि स्थिति कब और किन परिस्थितियों में बिगड़ती है। आपको कब ऐसा महसूस होता है कि आपकी एंग्जाइटी बढ़ रही है। इसके अलावा ये मुख्य कारण हो सकते हैं।
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तनाव- आपके जीवन में कई घटना या तनावपूर्ण स्थिति चिंता का विषय हो सकती है। जैसे- फैमिली टेंशन, किसी रिश्ते में परेशानी, काम की टेंशन या कोई दूसरी वजह जिससे आपका स्ट्रेस बढ़ता है। वो एंग्जाइटी का कारण हो सकता है।
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बीमारी- कई बार लोग किसी बीमारी से परेशान रहते हैं और उसके इलाज को लेकर चिंतित रहते हैं। ये एंग्जाइटी का कारण हो सकता है। बच्चे ही हेल्थ या अपनी हेल्थ को लेकर आप परेशान रह सकते हैं।
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घुटन- कई बार आप अपनी बात नहीं कह पाते हैं और अंदर ही अंदर घुटन महसूस करते हैं। इससे आपको एंग्जाइटी महसूस हो सकती है। आप जब खुलकर अपनी बात किसी को नहीं कह पाते हैं तो इससे स्ट्रेस बढ़ता है जो एंग्जाइटी की कारण बन सकता है।
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कोई सदमा- कई बार कई दर्दनाक घटना या सदमा आपको एंग्जाइटी की ओर ले जा सकता है। ऐसे लोगों को धीरे-धीरे एंग्जायटी डिसऑर्डर होने का खतरा बढ़ जाता है।
एंग्जाइटी को कैसे ठीक करें?
एंग्जाइटी कम करने का सबसे अच्छा तरीका है कि आप किसी से अपने दिल की बात शेयर करें। खुल कर बात करें और मन में चीजों को रखकर न बैठें। स्थिति गंभीर होने पर आप किसी मनोचिकित्सा और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी के जरिए एंग्जायटी डिसऑर्डर का इलाज करवा सकते हैं।