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सीजनल फ्लू है या है डेंगू बुखार? डॉक्टर से जानिए घर पर कैसे पहचानें बुखार

डॉक्टर से जानिए कि सीजनल फीवर और डेंगू में फर्क कैसे करें? साथ ही किन बातों का ध्यान रखना है और कब डॉक्टर के पास जाना है, ये भी जानिए।

Written By: Jyoti Jaiswal @TheJyotiJaiswal
Published : Nov 08, 2022 14:51 IST, Updated : Nov 19, 2022 9:43 IST
 डॉक्टर से जानिए घर पर कैसे पहचानें बुखार
Image Source : AP डॉक्टर से जानिए घर पर कैसे पहचानें बुखार

हर बार सितंबर-अक्टूबर तक डेंगू का प्रकोप खत्म हो जाता था, मगर इस बार नवंबर लगने के बाद भी डेंगू और मच्छरों से लोगों को छुटकारा नहीं मिला है। अस्पताल के बेड भरे हुए हैं, मौसम भी बदल रहा है और लोगों को सीजनल फ्लू भी हो रहा है ऐसे में कई बार कन्फ्यूजन हो जाती है कि ये सीजनल फ्लू है या डेंगू है। यूरिक एसिड हमने सनर इंटरनेशनल हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम की डॉक्टर स्फू्ति मान से इसके बारे में बात की। उन्होंने बहुत अच्छे से समझाया है कि डेंगू और सीजनल फ्लू में फर्क कैसे कर सकते हैं। आइए समझते हैं-

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डेंगू एक तरह का वायरल फीवर है। यदि सीजनल फ्लू और डेंगू में फर्क की बात करें तो बहुत हद तक इनके शुरुआती लक्षण सामान नज़र आते हैं, लेकिन कुछ लक्षणों के आधार पर इनमें फर्क किया जा सकता है जो इस प्रकार हैं:

 डॉक्टर से जानिए घर पर कैसे पहचानें बुखार

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डॉक्टर से जानिए घर पर कैसे पहचानें बुखार

  1. डेंगू के मरीज़ों में अचानक हाई ग्रेड फीवर यानी तेज़ बुखार के साथ सरदर्द और आँखों के पीछे दर्द की शिकायत अक्सर देखने को मिलती है।
  2. डेंगू को आम भाषा में “ब्रेक बोन फीवर” के नाम से भी जाना जाता है, यानी कि इसमें हड्डियों या फिर कहें कि शरीर में ही दर्द की शिकायत देखने को मिलती है।
  3. डेंगू होने के तीसरे से सातवें दिन को “क्रिटिकल फ़ेज़” कहते हैं। इस दौरान में मरीज़ों में अक्सर चक्कर आना, पेट सम्बंधित गड़बड़ियां, उल्टी, लो बीपी आदि की शिकायत देखने को मिल सकती है। इसी कड़ी में सबसे बड़ा लक्षण होता है प्लेटलेट्स का गिरना। वहीं वायरल फीवर 7वें दिन से कम होने लगता है।
  4. सीजनल फ्लू की यदि बात करें तो इसमें श्वसन सम्बंधित लक्षण अधिक देखने को मिलते हैं जिनमें खांसी, जुखाम, बुखार, छाती में जकड़न आदि शामिल हैं।
  5. सीजनल फ्लू के मरीज़ अकसर चार से पांच दिनों के अन्दर ठीक हो जाते हैं. डायबिटीज, व अन्य इम्यूनोकोम्प्रोमाइज्ड मरीज़ यानी वे लोग जिनकी प्रतिरोधक क्षमता कम है, और बुजुर्गों में सही समय पर सीज़नल फ़्लू का इलाज न मिलने पर उनमें निमोनिया होने का जोखिम होता है। उपरोक्त में से किसी भी प्रकार के लक्षण दिखने पर तुरंत जांच करवाएं।
  6. चाहे वायरल हो या डेंगू दोनों ही स्थितियों में डॉक्टर से जल्द परामर्श लेना ही उचित है, ताकि जोखिम न बढ़े।

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