सावन का पवित्र महीना आज से शुरू हो गया है। इस महीने को भगवान शिव का प्रिय महीना कहा जाता है। इस महीने के शुरू होते ही मांसाहारी भोजन यानी कि नॉनवेज खाने से परहेज किया जाता है। कई लोग तो इस पवित्र महीने में नॉनवेज खाने को सबसे बड़ा पाप भी मानते हैं। ऐसे में एक सवाल है जो सबके मन में तैरता रहता है कि आखिर इसी महीने मांसाहारी भोजन से क्यों परहेज किया जाता है? अगर आपको भी रह-रहकर यही सवाल अंदर ही अंदर कचोट रहा है तो इसका सही जवाब हम आपको बताते हैं।
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दरअसल, सावन के महीने में मांसाहार भोजन को लेकर कई तरह की मान्यताएं हैं। कुछ मान्यताओं के अनुसार सावन महीने में जीव की हत्या कर उसे खाना पाप है। इसके अलावा कई और मान्यताएं भी हैं। वहीं इसे लेकर वैज्ञानिक तर्क भी है। विज्ञान के अनुसार सावन का महीना बारिश का होता है। बारिश के समय बहुत ज्यादा कीड़े मकोड़े होते हैं जिन्हें जीव खाते हैं। ऐसे में अगर कोई व्यक्ति इन जीवों को खा ले तो वो उसकी सेहत के लिए नुकसान दायक हो सकता है।
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इसके अलावा ये महीना मछलियां, पशु और पक्षियों के लिए प्रजनन का होता है। ऐसे में अगर कोई गर्भधारण किए हुए जीव को खा ले तो उसे हार्मोनल समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा एक और वजह बदली का मौसम होना है। बारिश के मौसम होने के कारण बदली छाई रहती है। जिसकी वजह से सूर्य देवता के दर्शन भी दुर्लभ हो जाते हैं। ऐसे में सूर्य की किरणें हम तक नहीं पहुंच पाती जिसके कारण पाचन शक्ति कमजोर हो जाती है।
साधारण खाने की तुलना में नॉनवेज को खाने में ज्यादा समय लगता है। पाचन शक्ति कमजोर होने से खाना ठीक तरह से पच नहीं पाएगा जिसके कई अन्य बीमारियां होने का खतरा और बढ़ जाता है। इसी वजह से कहा जाता है कि सावन के महीने में मांसाहारी भोजन बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए।