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धूम फिल्म के निर्देशक संजय गढ़वी की हार्ट अटैक से हुई मौत, जानें लोग क्यों हो रहे इस बीमारी के शिकार

आज सुबह फिल्म 'धूम' के निर्देशक संजय गढ़वी का हार्ट अटैक के चलते निधन हो गया। आजकल की बिगड़ती हुई लाइफ स्टाइल की वजह से लोगों में दिल से जुड़ी परेशानियों की सम्भावना बढ़ गई है। इस तरह इस बीमारी के कुछ संकेत पहले से दिखने लगते हैं।

Written By: Poonam Yadav @R154Poonam
Published : Nov 19, 2023 19:53 IST, Updated : Nov 19, 2023 19:54 IST
Sanjay gadhvi died due to heart attack
Image Source : INSTAGRAM Sanjay gadhvi died due to heart attack

फिल्म 'धूम' के निर्देशक संजय गढ़वी का निधन हो गया है। 57 साल की उम्र में संजय गढ़वी ने दुनिया को अलविदा कह दिया। बताया जा रहा है कि ये हादसा सुबह मॉर्निंग वॉक के दौरान हुआ, जब संजय पार्क में टहलने निकले थे। वॉक करते हुए ही उनके सीने में दर्द उठा, जिसके बाद आनन-फानन उन्हें अस्पताल ले जाया गया, लेकिन उन्होंने दम तोड़ दिया। अस्पताल में जांच के बाद डॉक्टर्स ने उन्हें मृत घोषिक कर दिया।  दरअसल, आजकल की बिगड़ती हुई लाइफ स्टाइल और गलत खान पान की वजह से लोग दिल से जुड़ी बीमारियों का बहुत ज़्यादा शिकार हो रहे हैं। 

धमनियों के ज़रिये हमारे हार्ट में खून की सप्लाई होती है फिर दिल से ब्लड फ़िल्टर होकर शरीर के सभी ऑर्गन और नसों तक पंप होकर पहुंचता है। लेकिन आजकल के जीवनशैली और गलत खान-पान ने धमनियों में बैड कोलेस्ट्रॉल को बढ़ा दिया है जिस कारण दिल तक खून की सप्लाई नहीं हो पाती। इस वजह से दिल से जुड़ी बीमारी जाती है, जिनमे हार्ट अटैक, स्ट्रोक, कार्डियक अरेस्ट, हार्ट फेल्योर जैसी बीमारियां शामिल है। हार्ट डिजीज के लक्षण बहुत ही चुपके से आते हैं। बहुत लोगों में इसका पता भी नहीं चलता। अगर सतर्कता रखी जाए तो इसके कुछ मामूली संकेत दिखते हैं।

हार्ट अटैक के संकेत 

  • कमर मे दर्द और जकड़न
  • तेज हार्टबीट
  • पेट में दर्द
  • सांस लेने में कठिनाई
  • पसीना आना
  • बेवजह थकान होना
  • लगातार उल्टी होना
  • कमजोरी, पैर और हाथों का ठंडा पड़ना

सीने में जकड़न

दिल से जुड़ी समस्या होने पर उसके आसपास तेज दर्द होने लगता है। यह यह दर्द लगातार हो और जल्दी खत्म न हो तो यह हार्ट से जुड़ी बीमारियों की पहली निशानी हो सकती है। सीने में जकड़न की समस्या आमतौर पर तब होती है, जब किसी भी कारण से शरीर में कफ ज़्यादा बनने लगता है या फिर श्वसन तंत्र में कोई संक्रमण हो। ऐसी स्थिति में ऐसा लगता है कि छाती पर कुछ दबाव बढ़ गया है। इससे जलन भी महसूस हो सकती है। ऐसा महसूस होने पर तुरंत सीबीसी और लिपिड प्रोफाइल टेस्ट कराना चाहिए।

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गर्दन में दर्द और एंजाइना

बैड कोलेस्ट्रॉल लेवल बढ़ने पर भी दिल से जुड़ी कई गंभीर बीमारियों की समस्या बढ़ जाती है। इस स्थिति में यदि छाती में दर्द होता है तो यह दर्द बढ़कर गर्दन तक पहुंच जाता है। इसके साथ एंजाइना भी होने लगता है। एंजाइना दिल की मांसपेशियों में ब्लड सर्कुलेशन की कमी के कारण होता है। जब हृदय की मांसपेशियों को पर्याप्त ऑक्सीजन नहीं मिल पाती है, तो यह इस्किमिया नामक स्थिति का कारण बनती है। ऐसे में अगर गर्दन तक दर्द रूक नहीं रहा है और बहुत देर से हो रहा है तो यह हार्ट अटैक भी हो सकता है।

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चक्कर महसूस होना

हार्ट अटैक के लक्षणों में चक्कर और कमजोरी आना भी शामिल है। अगर आपको भी रह रहकर चक्कर आता है या फिर ज़रा सा चलने पर कमजोरी महसूस होने लगती है तो ये आगे चलकर आपके लिए गंभीर समस्या बन सकती है। दरअसल, जब हार्ट सही से पंप नहीं करता है तब खून ब्रेन में सही से नहीं पहुंचता है। इस कारण चक्कर और शरीर हलका महसूस होने लगता है।

हाथों में दर्द होना

शरीर के बाएं हिस्से या फिर बाएं हाथ में दर्द होने का अहसास हार्ट अटैक की तरफ इशारा करता है। अगर आपकी छाती में शुरू हुआ दर्द आपके बाएं हाथों में भी तेजी से फैल जाए तो यह हार्ट अटैक के मुख्य लक्षणों में से एक है। इसके साथ ही कंधे और हाथों में सुन्नापन और कमजोरी भी होने लगती है।

(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)

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