कोरोना ने दुनिया भर में तबाही मचा रखी है। इस संक्रमण को लेकर रिसर्च भी की जा रही है। हाल ही में कोरोना को लेकर एक रिसर्च की गई। इस रिसर्च में शोधकर्ताओं ने पाया कि ऑर्गेनोइड्स (मानव कोशिकाओं से बने छोटे ऊतक संवर्धन जो पूरे अंगों का अनुकरण करते हैं) जिसे मिनी दिमाग भी कहा जाता है वो भी कोरोना वायरस से संक्रमित हो सकता है।
रिसर्च से निकले परिणाम को 'एलटेक्स: अल्टरनेटिव टू एनिमल एक्सपेरिमेंट्स' में प्रकाशित किया गया है। इसमें कहा गया है कि कोरोना वायरस मानव के मस्तिष्क की कोशिकाओं को प्रभावित कर सकता है।
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अमेरिका में जॉन्स हॉपकिंस यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन के विलियम बिसाई ने इस रिसर्च को लेकर कहा- 'यह अध्ययन हमारी जानकारी बढा़ने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है। इससे पता चलेगा कि कि कैसे ये संक्रमण शरीर में प्रवेश कर लक्षण पैदा करता है और कैसे कोरोना वायरस का दवा के माध्मय से इलाज किया जा सकता है।'
इससे पहले चीन के वुहान शहर के शोधकर्ताओं ने अपनी रिपोर्ट में कहा था कि बीमारी के साथ 36 प्रतिशत रोगियों में न्यूरोलॉजिकल लक्षण दिखाई दिए हैं, लेकिन यह स्पष्ट नहीं है कि वायरस मानव मस्तिष्क की कोशिकाओं को संक्रमित करता है या नहीं।
जॉन्स हॉपकिन्स के शोधकर्ताओं ने अपनी स्टडी में प्रदर्शित किया है कि कुछ मानव न्यूरॉन्स एक रिसेप्टर, ACE2 को व्यक्त करते हैं, ये वहीं है जो कोरोना वायरस के रूप में मनुष्य के फेफड़ों को प्रभावित करते हैं। जब शोधकर्ताओं ने कोरोना वायरस कणों को एक मानव मिनी-मस्तिष्क मॉडल में पेश किया, तो टीम को संक्रमण के सबूत मिले।
शोधकर्ताओं के मुताबिक मानव मस्तिष्क कई वायरस, बैक्टीरिया और रायायनिक घटकों के खिलाफ परिरक्षित है, जो बदले में अक्सर मस्तिष्क के संक्रमण को रोकता है।