Highlights
- फ्रांस के वैज्ञानिकों ने IHU नाम के नए वेरिएंट का पता लगाया है
- ये वेरिएंट बेहद घातक है और इसके फैलने की रफ्तार ओमिक्रॉन से भी कई गुना तेज है
- स्टडी बताती है कि ठीक होने के बाद भी 9 महीने तक पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन लोगों को परेशान कर सकते हैं
कोरोना की दहशत कम होने का नाम नहीं ले रही है। बार बार म्यूटेट हो रहा वायरस दिन प्रति दिन खतरनाक होता जा रहा है। फ्रांस के वैज्ञानिकों ने IHU नाम के नए वेरिएंट का पता लगाया है, जो बड़ी तबाही मचा सकता है। ये वेरिएंट बेहद घातक है और इसके फैलने की रफ्तार ओमिक्रॉन से भी कई गुना तेज है।
देश में भी डर का माहौल है, क्योंकि तीसरी लहर आने को है। इस बीच अगर ये वेरिएंट भारत में एंट्री करता है तो हालात और बिगड़ सकते हैं। कोरोना का खौफ इसलिए भी ज़्यादा है क्योंकि ये डेडली वायरस ना सिर्फ संक्रमण के वक्त जानलेवा है बल्कि जाते जाते भी शरीर में कई तरह की बीमारियां छोड़ जाता है, जैसे डाइबिटीज़ का बढ़ना, हाइपरटेंशन, लिवर-किडनी प्रॉब्लम, लंग्स इंफेक्शन, स्किन प्रॉब्लम,और न्यूरो डिसऑर्डर आदि।
स्टडी बताती है कि ठीक होने के बाद भी 9 महीने तक पोस्ट कोविड कॉम्प्लिकेशन लोगों को परेशान कर सकते हैं। फेंफड़ों पर कोरोना का इतना गहरा असर पड़ता है कि एक साल तक आपको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है ये डराने वाली बात तो ज़रूर है, लेकिन सावधानी बरते तो कोरोना और कोरोना के साइड इफेक्ट्स दोनों से बचा जा सकता है। और ये काफी हद तक योग से मुमकिन है। स्वामी रामदेव से जानिए कोरोना और कोरोना के साइड इफेक्ट्स से बचने के लिए अद्भुद उपाय।
कोरोना के साइड इफेक्ट्स-
- कमज़ोरी
- थकान
- कमज़ोर लंग्स
- हार्ट प्रॉब्लम
- लिवर प्रॉब्लम
- किडनी पर असर
- डायबिटीज
- झड़ते बाल
रिकवरी के बाद कोविड के साइड इफेक्ट -
- हार्ट अटैक
- बदन दर्द
- लंबे वक्त तक खांसी
- सीने में भारीपन
- सिरदर्द
- कमज़ोर याददाश्त
- पेट की परेशानी
योग से क्योर करें कोविड के साइड इफेक्ट-
- सूक्ष्म व्यायाम
- योगिक जॉगिंग
- ताड़ासन
- तिर्यक आसन
- सूर्य नमस्कार
- उष्ट्रासन
- भुजंगासन
- शलभासन
- पवनमुक्तासन
- चक्रासन
उष्ट्रासन के फायदे:
- टखने का दर्द दूर होता है।
- मोटापा कम होता है।
- शरीर का पॉश्चर सुधरता है।
- डायजेशन अच्छा होता है।
- हार्ट मजबूत होता है।
भुजंगासन क फायदे:
- किडनी को स्वस्थ बनाता है।
- लिवर से जुड़ी दिक्कत दूर होती है।
- तनाव, चिंता और डिप्रेशन दूर करता है।
- रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है।
- फेफड़ों को मजबूत बनाता है।
प्राणायाम से फेफड़ों को बनाएं मजबूत:
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- भस्त्रिका
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
भस्त्रिका के फायदे:
- नाक और सीने की समस्या दूर होती है।
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- वजन घटाने के लिए बहुत कारगर है।
- दिल को स्वस्थ रखने में सहायक है।
- अस्थमा के रोग को दूर करता है।
कपालभाति के फायदे:
- बंद सांस नली खुल जाती है।
- सांस का लेना आसान हो जाता है।
- नर्व मजबूत बनते हैं।
- शरीर के ब्लड फ्लो में सुधार आता है।
उज्जायी के फायदे:
- दिमाग को शांत करता है।
- शरीर में गर्माहट आती है।
- ध्यान लगाने की क्षमता बढ़ती है।
- दिल के रोगों में फायदेमंद है।
उद्गीथ के फायदे:
- तनाव और चिंता दूर होती है।
- वजन घटाने में मदद करता है।
- नर्वस सिस्टम को ठीक रखता है।
- मेमोरी पावर बढ़ाने में सहायक है।
त्रिफला के लाभ:
- इसमें एंटी इंफ्लामेटरी गुण होते हैं।
- एंटी ऑक्सीडेंट गुण मौजूद होते हैं।
- रोज सुबह त्रिफला जूस का सेवन करें।
- इम्यून सिस्टम मजबूत करता है।
इम्युनिटी के लिए:
- गिलोय, तुलसी, अश्वगंधा
- खाने के बाद 1-1 गोली लें।
- खाली पेट श्वसारि वटी 1 गोली सुबह-शाम लें।
गोल्डन मिल्क:
- दूध में हल्दी डालकर उबालें।
- रात में सोने से पहले पिएं।
- इम्युनिटी को बढ़ाता है।
- लंग्स के लिए भुना हुआ चना खाएं।