बढ़ती उम्र का असर ना केवल हमारी शारीरिक क्षमता पर पड़ता है बल्कि इसे चीजों को याद रखने की क्षमता भी प्रभावित होती है जिसे रोकने में कसरत काफी हद तक मददगार है।
उम्रदराज लोगों को भूलने की आदत होने लगती है और इससे उनमें अल्जाइमर रोग अधिक प्रभावी होकर जीवन की गुणवत्ता को प्रभावित करता है।
एक नए शोध में सामने आया है कि पचास वर्ष और साठ वर्ष की आयु में हफ्ते में तीन बार कसरत करना जैसे साइकिल चलाना, तेजी से पैदल चलना और जॉगिंग करने से ना केवल हमारी मांसपेशियां मजबूत होती हैं बल्कि यह हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं के लिए भी फायदेमंद है। इससे चीजों को याद रखने की हमारी क्षमता बरकरार रहती है।
पिट्सबर्ग विश्वविद्यालय में केनेथ पी. डीट्रिच स्कूल ऑफ आर्ट्स एंड साइंसेज में डॉक्टरेट की छात्रा सारा अगहजयन ने कहा "हर कोई हमेशा पूछता है मुझे कितना व्यायाम करना चाहिए? अपने आप में सुधार लाने में न्यूनतम कसरत कितनी करनी है? हमारे अध्ययन से ऐसा लगता है कि कम से कम चार महीने के लिए सप्ताह में लगभग तीन बार व्यायाम करने से आपकी एपिसोडिक मेमोरी में सुधार आ सकता है।"
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यह हमारे मस्तिष्क की वह क्षमता है जो हमें अतीत में हुई घटनाओं की याद दिलाती है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ सबसे पहले इसी क्षमता में कमी आती है।
उन्होंने बताया कि ऐसे व्यायाम जिनसे दिल की रक्त पंप करने की क्षमता में इजाफा होता है वे मस्तिष्क की कार्यक्षमता को बढ़ाने में भी कारगर पाए गए हैं।
इस बात को समझने के लिए शोध टीम ने 3,000 से अधिक प्रतिभागियों पर 36 से अधिक अध्ययन किए।
उन्होंने कहा "हमने पाया कि 69 से 85 साल की उम्र के लोगों की तुलना में 55 से 68 साल की उम्र के लोगों की याददाश्त में अधिक सुधार हुआ है, इसलिए चीजों को बिगड़ने से पहले ही एहतियात बरती जानी जरूरी है।"
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इस शोध के निष्कर्ष 'कम्युनिकेशंस मेडिसिन' जर्नल में प्रकाशित हुए हैं। इस शोध से एक बात सामने आई है कि व्यायाम एक सहज तरीका है जिससे बढ़ती उम्र में स्मृति लोप को रोका जा सकता है।
उन्होंने कहा "आपको कुछ अधिक नहीं करना है और बस पैदल चलने के लिए जूतों की एक अच्छी जोड़ी चाहिए जिसे पहन कर आप बाहर निकल कर थोड़ी बहुत कसरत कर सकते हैं।"
इनपुट आईएएनएस