आजकल की खराब लाइफस्टाइल और खानपान के कारण यूरिक एसिड की समस्या लोगों में तेजी से बढ़ रही है। यूरिक एसिड बढ़ने पर जोड़ों में दर्द और सूजन की समस्या शुरू हो जाती है। यह परेशानी इतनी ज़्यादा बढ़ जाती है कि लोगों का उठना बैठना दूभर हो जाता है। इसलिए समय रहते हुए अगर इस गंभीर समस्या पर ध्यान नहीं दिया गया तो आगे जाकर बड़ी दिक्कतें हो सकती हैं। खून में यूरिक एसिड का लेवल बढ़ने से शरीर में कई और दूसरी दिक्कतें भी शुरू हो जाती हैं। यूरिक एसिड का लेवल बढ़ते ही गाउट की समस्या भी हो सकती है। ऐसे में इसे दवा के अलावा आप बेहतर डाइट से भी कंट्रोल कर सकते हैं। आप अपनी डाइट में कद्दू का सेवन शुरू करें, इससे आपको काफी फायदा होगा।
कद्दू में प्यूरीन की मात्रा होती है कम (Pumpkin is low in purine)
आपको बता दें, कद्दू में प्यूरीन की मात्रा बेहद कम होती है। ऐसे में जिन लोगों का यूरिक एसिड ज़्याद होता है वो कद्दू की सब्जी को अपनी डाइट में शामिल कर सकते हैं। कद्दू में विटामिन सी, बीटा-कैरोटीन और ल्यूटिन जैसे एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं। ये एंटीऑक्सीडेंट शरीर में दर्द, सूजन और ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस को कम करते हैं जिससे यूरिक एसिड के लेवल को कम करने में मदद मिलती है।
यूरिक एसिड में फायदेमंद है कद्दू (pumpkin benefits in uric acid)
गर्मी के मौसम में कद्दू आपको 15 से 20 रुपए किलो मिल जाता है। यूरिक एसिड में प्यूरिन से भरपूर फ़ूड का सेवन नहीं करना चाहिए। कद्दू में प्यूरिन न के बराबर होता है। कद्दू में फाइबर भी काफी मात्रा में होता है जो आपके कमजोर मेटाबॉलिक रेट को बढ़ाता है और प्यूरीन को पचाने में मदद करता है। इसलिए एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर कद्दू का सेवन करने से जोड़ों में होने वाले दर्द और सूजन से राहत मिलती है।
इन समस्याओं में भी है फायदेमंद: (Pumpkin is also beneficial in these problems)
पोटेशियम से भरपूर कद्दू ब्लड प्रेशर को को नियंत्रित करने में आपकी मदद करता है। इसका सेवन करने से दिल का दौरा और स्ट्रोक का खतरा भी कम हो सकता है। कद्दू में मौजूद विटामिन सी, फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट हृदय रोग को रोकने में मदद कर सकते हैं।