बरसात के मौसम में कई लोगों को स्किन संबंधी समस्याएं होने लगती हैं, जिनमें दाद और खुजली से लोग सबसे ज्यादा परेशान रहते हैं। ये एक ऐसी समस्या है जिसका समय रहते इलाज न किया जाए तो ये शरीर में फैलने लगती है। फंगल इंफेक्शन के चलते दाद, खाज, खुजली के इंफेक्शन को ठीक करने में भी समय लगता है। कई बार ऐसा भी देखा गया है कि इलाज के बाद ये दोबारा होने लगता है। आयुर्वेद में स्किन से जुड़ी समस्याओं में सत्यानाशी का पौधा बेहद फायदेमंद माना गया है। सत्यानाशी का पौधा कांटेदार होता है, जिस पर पीले रंग के फूल लगते हैं।
दाद-खाज-खुजली से छुटकारा (What stops itching fast)
स्किन रोगों के लिए सत्यानाशी का प्रयोग (Prickly Poppy use to Treat Skin Disease)
सत्यानाशी का पौधा आपको आसानी से पार्क या सड़क के किनारे लगा दिख जाएगा। यह एक कांटेदार पौधा होता है, जिस पर पीले रंग के फूल होते हैं। सत्यानाशी पंचांग के रस में हल्का नमक डालकर सेवन करने से स्किन संबंधी रोगों में लाभ होता है। इसके लिए आपको रोजाना सत्यानाशी पंचांग के रस का 1 या 2 चम्मच सेवन करना होगा।
दाद का इलाज (ringworm treatment)
एंटीफंगल गुणों से भरपूर सत्यानाशी का पौधा दाद के इलाज में भी फायदेमंद साबित होता है। सत्यानाशी की पत्तियों का रस या तेल को दाद वाली जगह पर लगाने से दाद के लक्षण धीरे धीरे हल्के होने लगते हैं और इसका इंफेक्शन फैलना भी बंद हो जाता है।
खुजली के लिए सत्यानाशी का उपयोग (uses of Prickly Poppy for itching)
खुजली की समस्या में इंसान परेशान हो जाता है, ज्यादा खुजली के कारण स्किन पर रैशेज भी आ जाते हैं और कई बार खून भी निकलने लगता है। फोड़े, फुंसी, खुजली और जलन के लिए सत्यानाशी फायदा करता है। इसके लिए आप सत्यानाशी पंचांग का रस या पीला दूध लगाएं। इसे लगाने से आपको खुजली से राहत मिलेगी।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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