Treatment For Pre Diabetic: डायबिटीज को लाइफस्टाइल डिजीज कहते हैं, जो अचानस से नहीं होती है। शरीर में शुगर लेवल बॉर्डर लाइन पर पहुंचते ही डायबिटीज के लक्षण नजर आने लगते हैं। जिन लोगों का ब्लड शुगर लेवल बॉर्डर लाइन पर होता है उन्हें डॉक्टर्स भी अलर्ट रहने के लिए कहते हैं। इसलिए आपको लाइफस्टाइल और डाइट को लेकर बहुत ध्यान देना चाहिए। डायबिटीज होने पर शरीर में ब्लड शुगर अनियंत्रित होने लगता है जो दूसरे अंगों को प्रभावित करता है। डायबिटीज मरीज को हार्ट, लिवर और आंखों से जुड़ी समस्याएं होने लगती हैं। डायबिटीज होने पर रक्त वाहिका और तंत्रिकाएं प्रभावित होने लगती हैं। लंबे समय तक डायबिटीज होने पर किड़नी खराब होने का खतरा भी रहता है। इसलिए जरूरी है कि डायबिटीज को समय रहते कंट्रोल कर लें।
डायबिटीज के लक्षण
- ज्यादा भूख लगना
- थकान महसूस होना
- बहुत ज्यादा प्यास लगना
- बार-बार टॉयलेट आना
- तेजी से वजन कम होना
- पैरों या हाथों में झुनझुनी
प्री डायबिटिक मरीज इन बातों का रखें ख्याल
- मीठा खाने से बचें- डायबिटीज होने या बॉर्डर लाइन पर होने से चीनी का सेवन पूरी तरह से बंद कर दें। चीनी से बनी चीजों का सेवन बिल्कुल न करें। इसकी जगह फलों, गुड़ या शहद से बनने वाली चीजें डाइट में शामिल करें। हालांकि नेचुरल शुगर भी सीमित मात्रा में ही लेनी चाहिए।
- समय पर भोजन करें- प्री-डायबिटीज हों या डायबिटीज के मरीज हों, आपको डाइट और खाने का समय दोनों का ख्याल रखना चाहिए। आपको खाने और सोने के बीच कम से कम 3 घंटे का गैप रखना चाहिए। इसी तरह ब्रेकफास्ट, लंच और डिनर के बीच भी 3 घंटे का अंतर रखना चाहिए। इसके बीच छोटे-छोटे मील लेते रहें। बहुत लंबे समय तक भूखे रहने से बचें।
- 8 घंटे की नींद लें- प्री-डायबिटीज के मरीज को नींद का भी ध्यान रखना चाहिए। कम से कम 7-8 घंटे की अच्छी नींद लेना जरूरी है। अच्छी नींद से इम्यूनिटी में सुधार आता है। इससे क्रोनिक इन्फ्लेमेशन कम होता है। शारीरिक और मानसिक तनाव दूर होता है और हार्मोन्स बैलेंस रहते हैं।
- योग और व्यायाम करें- फिट रहने के लिए सभी को योग या दूसरे व्यायाम जरूर करने चाहिए। प्री-डायबिटीज लोगों को भी कोई न कोई फिजिकल एक्टिविटी करनी चाहिए। जब आपके शरीर में शुगर लेवल बढ़ने लगता है तो पैंक्रियाज को बेहतर तरीके से काम करने के लिए एक्टिव रहना जरूरी है जाता है। फिजिकली एक्टिव रहने से मेटाबॉलिज्म में सुधार आता है। इसके लिए डेली 40-60 मिनट योगाभ्यास या वॉक जरूर करें।
रात में इस समय सोने से कम होता है हार्ट अटैक का खतरा, जान बचानी है तो नोट कर लें सही समय