बरसात के मौसम में लोगों को कमजोर इम्यूनिटी के कारण इंफेक्शन होता है, जिसके चलते पीलिया यानी जॉन्डिस की चपेट में आ जाते हैं। खानपान में लापरवाही के कारण पीलिया गंभीर रूप ले लेता है और ठीक होने में लंबा समय लग जाता है। पीलिया होने पर डॉक्टर अनार खाने की सलाह देते हैं लेकिन अनार के साथ साथ इसके पत्ते भी पीलिया के इलाज में आपके काम आ सकते हैं। अनार की तरह ही इसके पत्ते भी बेहद गुणकारी होते हैं और कई गंभीर बीमारियों के इलाज में काम आते हैं। आइए जानते हैं अनार के पत्तों से कैसे करें पीलिया का उपचार।
घर पर पीलिया कैसे पता करें? (How to detect jaundice at home)
लिवर की लाल रक्त कोशिकाएं (red blood cells) टूटने पर पीले रंग का बिलीरुबिन पदार्थ बनता है। जब बिलीरुबिन लिवर से फिल्टर के रास्ते शरीर से बाहर नहीं निकलता तो पीलिया होता है। पीलिया होने पर पेशाब गहरे पीले रंग की होती है, इसके साथ ही नाखून और आंखें भी पीली दिखने लगती हैं।
अनार के पत्तों से पीलिया का इलाज (Pomegranate Leaves for jaundice treatment)
औषधीय गुणों से भरपूर अनार के पत्ते छोटे-छोटे गहरे हरे रंग के होते हैं, जो पाचन संबंधी समस्याओं, स्किन की समस्याओं, भूख में कमी, एनीमिया और अनिद्रा के उपचार में कारगर साबित होते हैं। पीलिया रोग में अनार के पत्तों का इस्तेमाल करने के लिए सबसे पहले इसके पत्तों को सुखाकर पाउडर बना लें। इसके बाद आधा चम्मच अनार की पत्तियों का पाउडर 1 गिलास पानी में डालकर तब तक उबालें जब तक कि ये आधा न रह जाए। इस पानी को दिन में 2 बार पिएं। इसके अलावा आप अनार की पत्तियों के पाउडर को गाय के दूध से बने छाछ के साथ भी पी सकते हैं।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)
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