महिलाओं में पॉलीसिस्टिक ओवरी डिसॉर्डर यानी पीसीओडी की आम समस्या हो गई है। 10 में से 1 महिला इस बीमारी से ग्रसित है। इस बीमारी काराण ज्यादातर पीरियड्स के अनियमित होने की वजह मानी जाती है। स्वामी रामदेव के अनुसार पीसीओडी की समस्या से आप योग के द्वारा आसानी से न निजात पा सकते हैं।
क्या है पीसीओडी?
पॉलिसिस्टिक ओवेरियन सिंड्रोम या पीसीओडी एक ऐसी बीमारी है जिसके कारण ओवरी में मल्टीपल सिस्ट हो जाते हैं। ये सीस्ट खास किस्म के लिक्विड की थैलियां होती हैं। सिस्ट होने का असली कारण पीरियड्स की अनियमतता माना जाता है। जिसके कारण ओवरी का साइज बढ़ जाता है जो आगे चलकर एंड्रोजेन और एस्ट्रोजेनिक नामक हार्मोन अधिक मात्रा में प्रोड्यूस होते हैं। पॉलिसिस्टिक ओवरी नार्मल ओवरी की तुलना में आकार में काफी बड़े होते हैं। पीसीओडी के कारण गर्भास्था, पीरियड्स, डायबिटीज आदि बीमारियों में अधिक परेशानी की सामना करना पड़ता है।
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पीसीओडी के लक्षण
- तेजी से वजन बढ़ना
- मुंहासे, अधिक निकलना।
- अधिक थकान होना।
- बाल अधिक उगना।
- बाल पतले होना।
- पैल्विक पेन
- अधिक सिर दर्द की समस्या
- अनिद्रा की शिकायत
पीसीओडी से निजात पाने के लिए योगासन
कपालभाति प्राणायाम- इसे आधा से अधिकतम एक घंटा करने से इससे पीसीओडी की समस्या से निजात मिल जाता है। इसके अलावा कैल्शियम की कमी, आयरन, विटामिन डी, विटामिन बी12 की समस्या से निजात मिलेगा। शुरुआती दौर में महिलाएं कम से कम 15 मिनट तो जरूर करें।
भस्त्रिका- इस प्राणायाम को करने से पूरे शरीर में ऑक्सीजन का ठीक ढंग से प्रवाह होता है। जिससे आपको डायबिटीज के साथ-साथ कई अन्य बीमारियों से भी निजात मिल जाएगा।
अनुलोम-विलोम
सबसे पहले पद्मासन की मुद्रा में बैठ जाएं। अब दाएं हाथ की अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बाएं नाक पर रखें और अंगूठे को दाएं वाले नाक पर लगा लें। तर्जनी और मध्यमा को मिलाकर मोड़ लें। अब बाएं नाक की ओर से सांस भरें और उसे अनामिका और सबसे छोटी उंगली को मिलाकर बंद कर लें। इसके बाद दाएं नाक की ओर से अंगूठे को हटाकर सांस बाहर निकाल दें। इस आसन को 5 मिनट से लेकर आधा घंटा कर सकते हैं।
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भ्रामरी प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पहले सुखासन या पद्मासन की अवस्था में बैठ जाएं। अब अंदर गहरी सांस भरते हैं। सांस भरकर पहले अपनी अंगूलियों को ललाट में रखते हैं। जिसमें 3 अंगुलियों से आंखों को बंद करते हैं। अंगूठे से कान को बंद कते हैं। मुंह को बंदकर 'ऊं' का नाद करते हैं। इस प्राणायाम को 3-21 बार किया जा सकता है।
उद्गीथ प्राणायाम
इस प्राणायाम को करने के लिए पद्मासन या सुखासन में बैठ जाएं और शांत मन से 'ऊं' के उच्चारण करते हैं। इस प्राणायाम को करने से पित्त रोग, धातु रोग, उच्च रक्तताप जैसे रोगो से निजात मिलता है।
शीतली प्राणायाम
सबसे पहले आराम से रीढ़ की हड्डी सीधी करके बैठ जाएं। इसके बाद जीभ को बाहर निकालकर सांस लेते रहें। इसके बाद दाएं नाक से हवा को बार निकालें। इस प्राणायाम को 5 से 10 मिनट तक कर सकते हैं।
शीतकारी प्राणायाम
इस प्राणायाम में होंठ खुले, दांत बंद करें। दांत के पीछे जीभ लगाकर, दांतो से धीमे से सांस अंदर लें और मुंह बंद करें। थोड़ी देर रोकने के बाद दाएं नाक से हवा बाहर निकाल लें और बाएं से हवा अंदर लें।
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पीसीओडी से निजात पाने के लिए योगासन
सूक्ष्म व्यायाम- सूक्ष्म व्यायाम करने से भी आप तनाव से निजात मिल सकता है। इसमें आप स्थित कोणासन, तितली आसन आदि कर सकते हैं।
हलासन- त्वचा में निखार लाने में मददगार, स्ट्रेस और थकान को करें कम। इसके साथ ही पीसीओडी से निजात मिलता है।
भुजगांसन- इससे आपका शरीर सुंदर सुडौल होता है। पीसीओडी से छुटाकारा मिलने के साथ-साथ कई तरह की स्किन रोग से निजात मिलता है। फेफड़ों में ऑक्सीजन की सप्लाई ठीक ढंग से होती है इसके साथ ही किडनी हेल्दी रहती है।
बालासन- इस आसन को करने से पीसीओडी की समस्या से निजात मिलने के साथ अनियमित पीरिड्स भी सही हो जाते हैं। पीठ और शरीर की अकड़न दूर होती है। ब्लड प्रेशर को करें कंट्रोल, स्ट्रेल और तनाव को करें खत्म, कंधे और पीठ और गर्दन को दें आराम।