सर्दियों ने दस्तक दे दी है। इस बार पहले से ज्यादा सतर्क रहने की जरूरत है, क्योंकि ठंड के साथ-साथ कोरोना वायरस के प्रकोप से भी बचना है। अगर आपको कई दिनों तक बुखार रहे। साथ ही कफ वाली खांसी हो, सीने में हल्का दर्द हो और धड़कनें तेज हो जाएं तो आपको सावधान होने की जरूरत है। आपको सांस लेने में भी तकलीफ हो रही है तो समझ जाएं कि ये निमोनिया के लक्षण हो सकते हैं। इसका सबसे ज्यादा खतरा बुजुर्ग और छोटे बच्चों को होता है।
हालांकि, अगर इस बात का ध्यान रखा जाए और पहले से ही सतर्क रहें तो डरने की जरूरत नहीं है। योगगुरु स्वामी रामदेव ने बताया है कि कैसे 6 दिनों में आप अपनी इम्युनिटी बढ़ा सकते हैं। उन्होंने सर्दी, जुकाम, खांसी और बुखार का आयुर्वेदिक उपचार भी बताया है। साथ ही लंग्स को कैसे मजबूत करना है, इसके लिए योगासन भी बताएं हैं।
निमोनिया के लक्षण:
- कई दिनों तक बुखार रहना
- कफ वाली खांसी
- सीने में दर्द
- तेज धड़कन
- खांसी के साथ खून आना
- सांस लेने में दिक्कत
स्ट्रॉन्ग लंग्स के लिए योग:
- प्रसारित हस्तासन
- पादहस्तासन
- उष्ट्रासन
- गोमुखासन
- भुजंगासन
- धनुरासन
- मकरासन
- कूर्मासन
- उत्तान कूर्मासन
- सूक्ष्म व्यायाम
- मत्यासन
- सुप्त वज्रासन
पादहस्तासन के फायदे: पीठ और रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। सिर दर्द और अनिद्रा से छुटकारा मिलता है। सिर में रक्त संचार बढ़ता है। पाचन संबंधी समस्याएं दूर होती हैं। पेट की चर्बी कम होती है।
उष्ट्रासन के फायदे: शरीर का पोश्चर ठीक होता है। कंधों और पीठ को मजबूत करता है। पीठ दर्द में बेहद लाभकारी है। फेफड़ों को स्वस्थ बनाता है। किडनी को स्वस्थ बनाता है। मोटापा दूर करने में सहायक। पाचन प्रणाली को ठीक करता है।
गोमुखासन के फायदे: फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। शरीर को लचीला बनाता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। पीठ और बांहों को मजबूत बनाता है।
मकरासन के फायदे: डायबिटीज से बचाने में कारगर है। तनाव दूर करता है। क्रोध और चिड़चिड़ापन दूर करता है। मानसिक रोगों से मुक्ति मिलती है।
भुजंगासन के फायदे: भूख बढ़ाने में मददगार है। बच्चों की हाइट बढ़ाने में मदद करता है। फेफड़ों, कंधों और सीने को स्ट्रेच करता है। गर्दन की मांसपेशियों में खिंचाव लाता है। शरीर की थकावट दूर करता है। रीढ़ की हड्डी मजबूत होती है। कमर दर्द से निजात मिलती है। लंग्स को ज्यादा ऑक्सीजन मिलती है।
धनुरासन के लाभ: सांस लेने का सिस्टम बेहतर होता है। अस्थमा रोगियों के लिए बेहद लाभकारी है।
प्राणायाम करें, निमोनिया से बचें:
- अनुलोम विलोम
- कपालभाति
- उद्गीथ
- भ्रामरी
- उज्जायी
- उद्गीथ
निमोनिया में कारगर:
- रोजाना श्वसारि वटी खाली पेट लें।
- खाने के बाद तुलसी, गिलोय और संजीवनी लें।
- श्वसारि, शीतोपलादी, त्रिकूट, स्वर्ण बसंती लें।
- सभी को मिलाकर पाउडर बना लें।
- सुबह-शाम 1-1 ग्राम दूध के साथ लें।
- श्वसारि, क्वाथ, पंचकोल क्वाथ उबाल कर पिएं।
- सुबह-शाम श्वसारि प्रवाही पीने से फायदा।
बुखार में कारगर:
- गिलोय, तुलसी, लौंग का काढ़ा पिएं।
- सुबह-शाम काढ़ा पीने से बुखार दूर होता है।
- डेंगू में पपीता, अनार, एलोवेरा और गिलोय।
- खांसी में मुलैठी, कालीमिर्च और मिश्री।
- चिकनगुनिया में खाली पेट गिलोय काढ़ा पिएं।
- खाने के बाद चंद्रप्रभावटी, अश्वशिला लें।
मलेरिया में कारगर:
- गिलोय के साथ महासुदर्शन धनवटी पाउडर लें।
- रोजाना सुबह-शाम सेवन करना फायदेमंद होता है।
टाइफाइड करें क्योर:
- खूब कला, मुनक्का और अंजीर की चटनी बनाएं।
- चटनी को 400 ग्राम पानी में उबाल लें।
- चटनी का पानी 100 ग्राम बचने पर पी लेँ।
- टाइफाइड में खिचड़ी, उबला खाना खाएं।
- पपीता, चीकू, सेब और अनार खाएं।
- 3 से 5 दिन में टाइफाइड 100 फीसदी खत्म।