आजकल प्लास्टिक के बोतल में पानी पीना बेहद आम हो गया है घर से लेकर सफर के दौरान लोग बेधड़क प्लस्टिक के बोतल में पानी पीते हैं। घरों में भी लोग अपने ज़्यादातार प्लास्टिक की बोतल का ही इस्तेमाल करते हैं। प्लास्टिक के इस्तेमाल से न सिर्फ हमारी सेहत पर बुरा असर पड़ता है, बल्कि इससे वातावरण को भी काफी नुकसान होता है। प्लास्टिक में कई तरह के हानिकारक फ्लोराइड, आर्सेनिक और एल्यूमीनियम जैसे हानिकारक रसायन पाए जाते हैं, जो हमारी सेहत को नुकसान पहुंचाते हैं और उस वजह से हमे गंभीर बीमारियां हो सकती हैं। हाल ही में हुए सर्वे के अनुसार, भारत हर साल 35 लाख टन प्लास्टिक कचरा पैदा कर रहा है। जिससे आगे चलकर लोगों कई बीमारियां हो सकती हैं।
माइक्रो प्लास्टिक होती है घातक
जब प्लास्टिक की बोतल गर्मी के संपर्क में आती है, तो यह पानी में माइक्रो प्लास्टिक छोड़ती हैं, ये छोटे छोटे प्लास्टिक कण ह्यूमन बॉडी को बेहद नुकसान पहुंचाते हैं। शरीर में इनकी मात्रा बढ़ने पर हार्मोन असंतुलन, बांझपन और यहां तक कि लिवर संबंधी कई गंभीर स्वास्थ्य समस्याएं भी उत्पन्न हो जाती हैं।
हार्ट की बीमारी और डायबिटीज का भी खतरा
प्लास्टिक के बोतल में पानी पीने से व्यक्ति को दिल की बीमारी जल्दी घेर लेती है साथ ही कई लोग डायबिटीज का भी शिकार हो रहे हैं। प्लास्टिक के बोतल का इस्तेमाल करने से हमारे इम्यून सिस्टम पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है। दरअसल, प्लास्टिक में मौजूद हानिकारक केमिकल्स पानी के जरिए हमारे शरीर में प्रवेश करते हैं, जिससे हमारा इम्युन सिस्टम कमजोर हो सकता है।
पुरुषों का स्पर्म काउंट हो जाता है कमजोर
लंबे समय तक प्लास्टिक बोतल का इस्तेमाल किया जाए तो इससे- पुरुषों में, स्पर्म की संख्या कम हो सकती है, और लड़कियों में जल्दी यौवन हो सकता है। दरअसल, हानिकारक केमिकल्स की वजह से ओवरी से संबंधित बीमारियां, ब्रेस्ट कैंसर, कोलन कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर का खतरा बढ़ जाता है। यहां तक कि बोतलबंद पानी का सेवन करने वाले लोगों में लिवर और ब्रेस्ट कैंसर होने की संभावना भी अधिक होती है।