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सावधान! फोन से निकलने वाली ब्लू लाइट त्वचा को पहुंचा रही हैं नुकसान, बढ़ रही हैं झाईं और झुर्रियां

Phone Side Effects On Skin: फोन के जितने फायदे हैं उतने ही नुकसान भी हैं। फोन से निकलने वाली नीली रोशनी आपकी त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचा रही है। एक रिसर्च की मानें तो फोन पर ज्यादा समय बिताने से पिगमेंटेशन यानि झाईं और झुर्रियों की समस्या बढ़ रही है।

Written By: Bharti Singh
Published on: July 30, 2024 13:25 IST
फोन से निकलने वाली नीली रौशनी के नुकसान- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK फोन से निकलने वाली नीली रौशनी के नुकसान

आजकल मोबाइल हमारी लाइफ का ऐसा हिस्सा बन गया है कि मानो फोन के अलावा दुनिया ही नहीं चलेगी। सुबह उठते ही हाथ में फोन होता है और रात में सोते वक्त लोग सुकून के पल मोबाइल के साथ ही बिताते हैं। लेकिन मोबाइल फोन का ज्यादा इस्तेमाल हमें कई तरह से बीमार भी बना रहा है। एक स्टडी में खुलासा हुआ है कि मोबाइल फोन से निकलने वाली नीली रोशनी हमारी त्वचा को गंभीर नुकसान पहुंचा रही है। रिसर्च में पाया गया है कि मोबाइल से निकलने वाली नीली रोशनी (रेडिएशन) स्किन पर झाईं-झुर्रियां और समय से पहले त्वचा को बूढ़ा बना रही है।

एक्सपर्ट्स के मुताबिक, मोबाइल फोन, लैपटॉप, कंप्यूटर, एलईडी टीवी और टैबलेट सहित कई स्क्रीन से निकलने वाली नीली रोशनी त्वचा के लिए हानिकारक साबित हो रही है। ये ब्लू लाइट दृश्यमान प्रकाश स्पेक्ट्रम का हिस्सा है। जिसका सबसे बड़ा श्रोत सूर्य है। ये रोशनी हमारी त्वचा को नुकसान पहुंचा रही है।

फोन की नीली रोशनी से त्वचा को नुकसान

रिसर्च में पाया गया है कि फोन से निकलने वाली नीली रोशनी कोलेजन को नुकसान पहुंचा सकती है, जो त्वचा को स्वस्थ और जवान बनाए रखने के लिए जरूरी प्रोटीन है। स्किन में कोलेजन की कमी होने से झुर्रियां तेजी से बढ़ने लगती हैं। इससे जलन, एलर्जी, लालिमा और एजिंग ज्यादा दिखने लगती है। अगर आप फोन को स्किन से 10 सेमी दूर रखते हैं तो इससे नुकसान को 100 गुना कम किया जा सकता है। नीली रोशनी के कारण नींद में खलल पड़ती है।  जिससे त्वचा का सीधा संबंध है। नींद की कमी से आंखों के आसपास की त्वचा में सूजन आने लगती है।

चेहरे पर बढ़ सकती हैं झाईं

रिसर्च में ये भी कहा गया है कि ज्यादा नीली रोशनी के संपर्क में रहने से हाइपरपिग्मेंटेशन की स्थिति पैदा हो सकती है। इससे त्वचा का रंग काला और धब्बेदार बन सकता है। हाइपरपिग्मेंटेशन एक आम स्थिति है, जिसमें त्वचा के कुछ हिस्सों का रंग अन्य हिस्सों से गहरा हो जाता है। मेलेनिन बढ़ने पर त्वचा पर काले धब्बे हो जाते हैं। फोन से निकलने वाली नीली रोशनी से झांईंयों को और बढ़ा देती है।

आंख और नींद भी हो रही है प्रभावित

इस ब्लू लाइट से आंखों पर भी बुरा असर पड़ता है। इससे नींद में खलल पड़ता है। लंबे समय तक नींद की कमी से आपकी पूरी सेहत पर बुरा असर पड़ता है। इससे चेहरे पर मुंहासे, एक्जिमा और रोसैसिया जैसी त्वचा से जुड़ी समस्याएं बढ़ सकती हैं। नींद की कमी कोर्टिसोल के लेवल को बढ़ाती है, ये एक तनाव हार्मोन है जो शरीर के लिए खतरनाक साबित होता है।

कितनी दूर से देखना चाहिए फोन

फोन का इस्तेमाल कम से कम करें। जितना जरूरी हो तभी फोन का उपयोग करें। रात को सोते वक्त अंधेरे में फोन देखने से बचना चाहिए। जानकारों की मानें तो इन समस्याओं से बचने के लिए अपने स्क्रीन टाइम को कम करें। फोन और आपकी त्वचा के बीच कम से कम 12 इंच की दूरी रखें। एक बार में लंबे समय तक एकटक फोन को न देखें।

 

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