PCOS Diet: भारत में 20 प्रतिशत यानी हर 5 में से 1 महिला पीसीओएस से ग्रसित है। इसका मुख्य कारण खराब लाइफस्टाइल व खानपान की आदतों को माना गया है। गायनाकोलॉजिस्ट का मानना है कि महिलाओं को इस सिंड्रोम के प्रति अवेयर रहना चाहिए व हेल्दी डाइट और अच्छा लाइफस्टाइल फॉलो करना चाहिए, नहीं तो यह परेशानी जिंदगी भर बनी रहेगी। यही वजह है नीचे कुछ ऐसी बातों के बारे में बता रहे हैं, जिनका ध्यान रखकर पीसीओएस को कंट्रोल में रखने में मदद हो सकती है।
स्पीयरमेंट टी हर्बल टी
हेल्दलाइन की रिपोर्ट के अनुसार, पीसीओएस से ग्रसित 42 महिलाओं पर किए गए शोध में इसके सकारात्मक प्रभाव देखने को मिले। इन महिलाओं को एक महीने तक दिन में दो बार स्पीयरमेंट टी दी गई, जिसके बाद इनमें टेस्टोरेन हार्मोन का स्तर कम पाया गया। इसके अलावा कई अन्य शोध में भी पीसीओएस के लिए इसे लाभकारी बताया गया है।
हरी सब्जियां
पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं को डाइट में फ्रेश फलों और सब्जियों को शामिल करने के लिए कहा जाता है। सब्जियों में पालक, केल, ब्रोकली का सेवन करने की सलाह दी जाती है। फल में आप सेब व बेरी का सेवन कर सकती हैं। क्योंकि ये सभी फल व सब्जियां पोषक तत्वों से भरपूर होती हैं। साथ ही इनमें बहुत कम कैलोरी होती है।
फिश
अगर आप नॉन वेजिटेरियन हैं तो फिश को आहार में शामिल करने से आपको काफी फायदा हो सकता है। मछली में सालमन, मैकरेल और सार्डिन का सेवन करें। इनमें ओमेगा-3 के साथ हैल्दी फैट, प्रोटीन और एंटी-इंफ्लामेटरी प्रॉपर्टीज होती हैं, जो पीसीओएस के लक्षण को कम करने में अहम भूमिका निभाते हैं।
नट्स और सीड्स
नट्स और सीड्स में बादाम, काजू, पिस्ता, पंपकीन सीड, फ्लैक्स सीड्स आदि का सेवन करें। इनमें प्रोटीन के साथ हेल्दी फैट और सूजन को कम करने वाला प्रभाव पाया जाता है, जिससे पीसीओएस से ग्रसित महिलाओं को फायदा होता है।
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साबुत अनाज
एक्सपर्ट्स के अनुसार पीसीओएस से जूझ रही महिलाओं को फाइबर युक्त खाद्यों का सेवन करना चाहिए। दरअसल, फाइबर पाचन की प्रक्रिया को धीमा कर इंसुलिन रेसिस्टेंस से लड़ने व ब्लड शुगर लेवल नियंत्रित रखने में मदद करता है। इसके साथ ही, फाइबर युक्त खाद्य जैसे साबुत अनाज हमारे डाइजेस्टिव सिस्टम को दुरुस्त रखने के साथ वजन कम करने में भी सहायक होते हैं।
(Disclaimer: यह खबर सामान्य जानकारियों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।)