यूरिक एसिड के बढ़ने से शरीर की मांसपेशियों में सूजन आ जाती है। इसके साथ ही शरीर के कई हिस्सों में दर्द भी होता है। ये दर्द शरीर के कई हिस्सों में होता है। इस समस्या के ज्यादा बढ़ने पर लोग गठिया के अलावा कई और बीमारियों की चपेट में आ जाते हैं।
जब आप कुछ खाते हैं उससे यूरिक एसिड बनता है। यूरिक एसिड को किडनी फिल्टर करती है और बॉडी के बाहर निकाल देती है। लेकिन जब किडनी यूरिक एसिड को फिल्टर नहीं कर पाती तो एड़ियों में तेज दर्द शुरू हो जाता है। पैरों में सूजन आ जाती है, शुगर हाई हो जाती है, किडनी में स्टोन के साथ किडनी के फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।
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एक रिसर्च के अनुसार बढ़ा हुआ यूरिक एसिड आपकी जिंदगी को करीब 11 साल तक कम कर देता है और किडनी के साथ साथ हार्ट, डायबिटीज़, स्ट्रोक का रिस्क भी कई गुना बढ़ा देता है। इसलिए जरूरी है कि समय रहते इसे कंट्रोल किया जाए। जानिए कच्चे पपीते का सेवन किस प्रकार करके आप यूरिक एसिड को कंट्रोल कर सकते हैं।
यूरिक एसिड में कैसे कारगर होगा कच्चा पपीता
पपीता यूरिक एसिड के मरीजों के लिए बहुत अच्छा हैं। क्योंकि इसमें 'पपैन' नामक एक प्रोटियोलिटिक एंजाइम होता है जो एक प्राकृतिक एंटी-इंफ्लेमेटरी है। यह शरीर को एक क्षारीय अवस्था में रखने में मदद करता है और रक्त में यूरिक एसिड के निर्माण को रोकने में मदद कर सकता है। इसके साथ ही यह प्रोटीन पचाने में मदद करता है।
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यूरिक एसिड लेवल के मरीज ऐसे करें पपीते का सेवन
एक कच्चा पपीता को लेकर इसके बीज निकाल कर छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। इसके बाद इसे 2 लीटर पानी में धीमी आंच में 5-7 मिनट उबाल लें। इस पानी को ठंडा करके छान लें और फिर दिन में 2 से 3 बार पिएं।
आप चाहे तो पपीते की चाय का भी सेवन कर सकते हैं। इसके लिए सबसे पहले एक बर्तन में 2 कप पानी डालें। अब इसमें करीब 100 ग्राम कच्चे पपीते के छोटे-छोटे टुकड़े करके डाल दें। अब इसे गर्म होन दें। जब ये पानी उबलने लगे तो आंच बंद कर दें और पानी को छान लें और इसमें एक ग्रीन टी बैग डालकर धीमे-धीमे चाय की तरह सेवन करें।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।