बॉलीवुड के मशहूर गायक पंकज उधास पैंक्रियाटिक कैंसर (pancreatic cancer) से जूझ रहे थे और 72 साल की उम्र में आज उन्होंने आखिरी सांसें ली। बता दें कि पैंक्रियाटिक कैंसर यानी आंतों के कैंसर को लेकर लोगों के अंदर कम जानकारी है। दरअसल, पैंक्रियाटिक कैंसर में आंतों में कैंसर की बीमारी हो जाती है। होता ये है कि आंत भोजन क तोड़ने और पचाने का काम करते हैं। इसके लिए पैंक्रियाटिक सेल्स द्वारा डाइजेस्टिव जूस एक्सोक्राइन अग्न्याशय कोशिकाओं (exocrine pancreas cells) द्वारा बनाए जाते हैं और लगभग 95% पैंक्रियाटिक कैंसर एक्सोक्राइन कोशिकाओं में ही शुरू होते हैं।
पैंक्रियाटिक कैंसर क्या होता है?
पैंक्रियाटिक कैंसर का कारण अभी भी स्पष्ट नहीं हुआ है। इनमें धूम्रपान और पैंक्रियाटिक कैंसर का पारिवारिक इतिहास शामिल है। पैंक्रियाज लगभग 6 इंच (15 सेंटीमीटर) लंबा होता है। यह इंसुलिन सहित कई हार्मोन जारी करता है। ये हार्मोन आपके द्वारा खाए जाने वाले खाद्य पदार्थों में मौजूद शुगर को पचाने में शरीर की मदद करते हैं। अग्न्याशय शरीर को भोजन पचाने और पोषक तत्व लेने में मदद करने के लिए पाचक रस भी बनाता है।
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पैंक्रियाटिक कैंसर कैसे होता है?
पैंक्रियाटिक कैंसर तब होता है जब पैंक्रियाज की कोशिकाएं अपने डीएनए में परिवर्तन विकसित करती हैं। कैंसर सेल्स में तेजी से ग्रोथ बढ़ता है और स्वस्थ कोशिकाएं मर जाएंगी तो कैंसर कोशिकाएं जीवित जाती है। इसके कारण वहां बहुत अधिक कोशिकाएँ हो जाती हैं। कैंसर कोशिकाएं एक साथ मिलकर ट्यूमर बन जाती हैं। ट्यूमर बढ़कर स्वस्थ शरीर के ऊतकों पर आक्रमण कर उन्हें नष्ट कर सकता है। समय के साथ, कैंसर कोशिकाएं टूटकर शरीर के अन्य भागों में फैल सकती हैं। इस प्रकार के कैंसर को पैंक्रियाटिक डक्टल एडेनोकार्सिनोमा या पैंक्रियाटिक एक्सोक्राइन कैंसर कहा जाता है।
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पैंक्रियाटिक कैंसर के लक्षण
-पेट का दर्द जो बाजू या पीठ तक फैलता है।
-भूख में कमी और वजन घटना
-त्वचा और आंखों के सफेद भाग का पीला पड़ना, जिसे पीलिया कहा जाता है।
-हल्के रंग का मल या गहरे रंग का पेशाब
-हाथ या पैर में दर्द और सूजन, जो खून के थक्के के कारण बनते हैं
-थकान या कमजोरी।