पैनिक अटैक एक ऐसा दौरा होता है। जिसके बारें में कई बार पता ही नहीं चलता है। पैनिक अटैक का शिकार लोग तब होते हैं जब वे किसी गहरे दुःख या अवसाद में होते हैं। जब आपको पैनिक अटैक होता है, तो आपको बहुत पसीना आ सकता है, सांस लेने में कठिनाई हो सकती है और ऐसा महसूस हो सकता है कि आपका दिल दौड़ रहा है। ऐसा महसूस हो सकता है कि आपको दिल का दौरा पड़ रहा है। कई बार लोगों को समझ नहीं आता है कि पैनिक अटैक के समय क्या करना चाहिए। जिसके बारें में जानकारी होना बहुत ही जरुरी है। यह अटैक कुछ सेकंड से लेकर 1 घंटे तक का हो सकता है। कई बार इसका अनुभव बहुत ही खतरनाक हो सकता है। चलिए आपको बताते हैं इसके लक्षण और बचाव के उपाय।
पैनिक अटैक का कारण
पैनिक अटैक के का कोई ठोस कारण नहीं है। ये अचानक बिना किसी चेतावनी के कहीं भी आ सकता है। हालांकि, पैनिक अटैक आने के पीछे सबसे बड़ी वजह किसी बहुत बड़े डर या एंग्जायटी की वजह से लोगों को ज़्यादातर होती है। जब कोई व्यक्ति किसी चीज़ की वजह से अचानक घबरा जाता है, तब वह घबराहट और डर या एंग्जायटी में बदल जाती है। तब पैनिक अटैक किसी बड़ी दुर्घटना या जीवन में किसी गहरे दुःख की वजह से किसी के भी साथ भी हो सकती है। स्थिति ठीक होने के बाद पैनिक अटैक से भी व्यक्ति उबर आता है।
पैनिक अटैक के लक्षण
- मौत का डर
- तेज गति से दिल का धड़कना
- पसीना आना
- कांपना या हिलना
- सांस लेने में तकलीफ होना
- ठंड लगना
- पेट में ऐंठन
- छाती में दर्द
- सिरदर्द
- झुनझुनी
- अवसाद
- कोई बहुत बड़ा दुःख
ऐसे करें बचाव
यदि आपको पैनिक अटैक आता है तो सबसे पहले आप डॉक्टर के पास जाएं। हालांकि पैनिक अटैक्स जानलेवा नहीं होते लेकिन इसका दिमाग पर बहुत गहरा असर पड़ा है। इससे व्यक्ति की जिंदगी पर भी बुरा प्रभाव पड़ सकता है। अपनी डेली लाइफ में आप एक्सरसाइज़ करें, मेडिटेशन का सहारा लें, अरोमाथेरपी का सहारा लें, सांस वाले व्यायाम करें। साथ ही अपना किसी अच्छे डॉक्टर से काउंसलिंग करवाएं। ऐसा करने से आप इसके दुष्प्रभाव से बच सकते हैं।