Highlights
- पनीर के फूल को पनीर डोडा भी कहा जाता है।
- ये डायबिटीज के साथ साथ अस्थमा और अलमाइ्जर की बीमारी में भी लाभदायक है।
- आयुर्वेदिक दवा बनाने में इसका उपयोग किया जाता है
डायबिटीज रोगी की सेहत इस बात पर निर्भर करती है कि उसकी डाइट क्या है। डायबिटीज रोगियों को अक्सर अपनी डाइट को लेकर चिंता रहती है क्योंकि वो किसी ऐसी चीज का सेवन नहीं कर सकते जिससे उनके शरीर में ब्लड शुगर बढ़ जाए। ऐसे में शुगर के मरीज डाइट को लेकर काफी सजग रहते हैं। लेकिन कुछ औषधियां आयुर्वेद में बताई गई हैं जो ब्लड शुगर कंट्रोल करती हैं और इसी में से एक है पनीर का फूल।
पनीर का फूल पनीर डोडी, इंडियन रेनेट और पनीरबंद के नाम से भी जाना जाता है। पनीर का फूल भारतीय जड़ी बूटी सोलानेसी के परिवार से संबंध रखता है और इसे आयुर्वेदिक दवाएं बनाने में इस्तेमाल किया जाता है। इसका वैज्ञानिक नाम विथानिया कोगुलांस (Withania coagulans) है।
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हैल्थ एक्सपर्ट कहते हैं कि पनीर डोडी यानी पनीर का फूल शरीर में अग्नाशय के उन बीटा सेल को दुरुस्त करता है जिनसे इंसुलिन बनता है। पनीर के फूल के सेवन से ब्लड शुगर को कंट्रोल किया जा सकता है क्योंकि इंसुलिन का उत्पादन करने वाले बीटा सेल पनीर के फूल के तत्वों से रिपेयर होते रहते हैं।
गलत खानपान की वजह से ये बीटासेल जब कमजोर या खराब होते हैं तो इंसुलिन कम बनने लगता है और शरीर में ब्लड शुगर बढ़ जाता है।
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यानी पनीर के फूल यानी पनीर डोडी का सही मात्रा में सेवन किया जाए तो यह शुगर को कंट्रोल करने में मदद करता है।
पनीर का फूल डायबिटीज के अलावा अलमाइजर, अनिद्रा,मोटापा, त्वचा विकार, अस्थमा और यूरिन इन्फेक्शन दूर करने में भी बेहद लाभकारी है।
कैसे करें सेवन
डायबिटीज के रोगी पनीर के 8 से 10 फूलों को रात भर के लिए पानी में भिगोकर रख दें। सुबह उठकर खाली पेट इस पानी को पी लीजिए।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।