आजकल की लाइफस्टाइल में लोग काफी बिजी रहते हैं, लेकिन जो लोग फिट रहना पसंद करते हैं, वे नई तकनीकों को आजमाते हैं। जो न केवल उन्हें स्वस्थ रखती हैं बल्कि कई अन्य लाभ भी देती हैं। योग नहीं, लेकिन आज हम पंचकर्म नामक एक तकनीक के बारे में बात कर रहे हैं, जो शरीर के साथ-साथ मस्तिष्क से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने के लिए एक सिद्ध प्राकृतिक चिकित्सा है।
यह तेल और जड़ी-बूटियों की मदद से शरीर को डिटॉक्सिफाई करता है। इस समय कोरोना वायरस के कारण पूरा देश लॉकडाउन है। ऐसे में अगर आप सोच रहे हैं कि इसे कहां किया जाए तो परेशान होने की जरूरत नहीं है। स्वामी रामदेव ने इंडिया टीवी के स्पेशल एपिसोड में इसको लेकर जानकारी दी है। उन्होंने बताया है कि कैसे आप उपलब्ध सामग्रियों के जरिए घर पर ही आसानी से पंचकर्म कर सकते हैं।
पंचकर्म के फायदे:
इसके कई फायदे हैं। इनमें से कुछ पर नज़र डालते हैं:
- पुरानी बीमारियों को दूर करने में मदद करता है
- तनाव को दूर करने में मदद करता है
- शरीर, मन और आत्मा को शांत करता है
- पाचन में सुधार करता है
- वजन कम करने में मदद करता है
- ग्लोइंग स्किन पाने में मदद करता है
- बालों की गुणवत्ता में सुधार होता है
घर पर शिरोधारा कैसे करें?
शिरोधारा संस्कृत के शब्द शिरो (सिर) और धारा (प्रवाह) से आता है। यह पंचकर्म के चरणों में से एक है, जिसमें तरल पदार्थ को धीरे से माथे पर डाला जाता है। आप घर पर इस आयुर्वेदिक चिकित्सा को ऐसे कर सकते हैं:
- सीधे लेट जाइये
- कॉटन (रूई) को आंखों और कानों पर लगाएं
- अपने माथे के ऊपर लटकने वाले कटोरे में, किसी को दूध या पानी रखने के लिए कहें
- कटोरे में नीचे एक छेद होना चाहिए
- जैसे ही तरल बहना शुरू होता है, इसे मूव करते रहें और माथे पर गिराएं
फोमेंटेशन और ऑइलेशन क्या हैं?
फोमेंटेशन (सिंकाई) एक तकनीक है, जिसमें भाप का इस्तेमाल किया जाता है। जबकि, ऑइलेशन में आयुर्वेदिक तेलों का उपयोग शरीर पर मालिश करने के लिए किया जाता है।
पंचकर्म के 5 तरीके:
1. वामन- यह उल्टी द्वारा शरीर से विषाक्त पदार्थों को निकालता है। मस्तिष्क से हानिकारक विषाक्त पदार्थों को भी इस प्रक्रिया के माध्यम से हटा दिया जाता है। यह आपके शरीर को फिट बनाता है, तनाव को दूर करता है, रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाता है, शरीर को आराम देता है और पाचन में सुधार करता है।
2. विरेचन- यह मल त्याग से विषाक्त पदार्थों को हटाने में मदद करता है।
3. नासिकाक्रिया- यह नाक से दवा डालकर मस्तिष्क से विषाक्त पदार्थों को निकालती है। यह उन लोगों की मदद करता है, जो माइग्रेन से पीड़ित हैं।
4. अनुनासववती- यह गैस्ट्रिक समस्याओं, गठिया के इलाज, प्रजनन प्रणाली को स्वस्थ बनाने और पुरानी बीमारियों से छुटकारा दिलाने में मदद करती है।
5. रक्तमोक्षन- औषधीय जोंक आपके शरीर के प्रभावित हिस्सों पर लगाई जाती है, जो रक्त परिसंचरण में मदद करते हैं और रक्त को शुद्ध करते हैं।
पंचकर्म के दौरान ध्यान रखने योग्य बातें:
- व्यायाम करना मना है
- प्रक्रिया के दौरान और बाद में गर्म पानी पिएं
- दोपहर में ना सोएं
- ऐसे खाद्य पदार्थ न खाएं, जिन्हें पचाना मुश्किल हो।