जरूरत के हिसाब से शॉपिंग करना अच्छी बात है। शॉपिंग करके सभी को अच्छा लगता है, लेकिन अगर आप जरूरत से ज्यादा खरीददारी करते हैं तो ये चिंता का विषय है। अगर आपका मूड खराब हो या टेंशन हो और आप शॉपिंग करने पहुंच जाएं तो ये भी परेशानी की बात है। कई बार लोग 1-2 नहीं बल्कि ढ़ेरों सामान खरीद लेते हैं। ये सब शॉपिंग एडिक्शन की ओर इशारा करते हैं जिसे ओनिओमेनिया (Oniomania) कहते हैं। ये एक तरह की लत होती है। जिसे समझना थोड़ा मुश्किल हो जाता है। आइये जानते हैं कही आप भी ओनिओमेनिया के शिकार तो नहीं हैं।
शॉपिंग की लत का क्या कारण है?
शॉपिंग की लत कब लग जाती है कई बार लोगों को इसके बारे में पता भी नहीं चल पाता। हालांकि ऐसा होने के कई कारण हो सकते हैं। जैसे कुछ लोगों में कॉन्फिडेंस की कमी होती है, जिसके चलते वो ज्यादा शॉपिंग करने लगते हैं। कुछ लोग चिंता, डिप्रेशन या क्रेजी फीलिंग वाले होते हैं जो जमकर शॉपिंग करते हैं। कई बार सामाजिक दवाब, कुछ फैंटेसी, ज्यादा इंटरनेट का इस्तेमाल, बिना प्लान के खरीददारी करना, जरूरत से ज्यादा चीजें जमा करते रखना या जेंडर के हिसाब से भी ये आदत किसी में पैदा हो सकती है।
कई रिपोर्ट्स में ये पाया गया है कि पुरुषों के मुकाबले महिलाएं खरीददारी करने में ज्यादा फीलिंग, इमोशनल और सिंबोलिक मीनिंग फील करती हैं। ज्यादा खरीददारी करने की आदत 18 से 30 साल के लोगों के बीच देखी गई है। ओवर शॉपिंग करने वालों को अगर मना किया जाए तो इससे उनके दिमाग पर भी असर पड़ता है।
शॉपिंग की लत की ओर इशारा
- व्यक्ति को खरीदारी करने की इच्छा महसूस होती है।
- व्यक्ति खरीदारी के लिए जाने की तैयारी कर रहा है। जैसे कहां जाना है, क्या खरीदना है और किस क्रेडिट कार्ड का उपयोग करना है।
- ये सबसे महत्वपूर्ण है क्योंकि इस स्टेज पर खरीदारी करते समय व्यक्ति को बहुत राहत और एक्साइटमेंट फील होता है।
- जमकर खरीदारी करने के बाद व्यक्ति को अपने किए पर पछतावा होता है।