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Omicron Variant: ओमिक्रॉन वेरिएंट के इन लक्षणों को ना करें नजरअंदाज

दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के एक नये स्वरूप की पहचान की। जानिए इसके लक्षण।

Written by: India TV Health Desk
Updated on: November 30, 2021 11:57 IST
Omicron Variant symptoms know all about coronavirus new variant in hindi- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK.COM Omicron Variant symptoms know all about coronavirus new variant in hindi

Highlights

  • ओमिक्रोन वेरिएंट कोरोना के डेल्टा वेरिएंट से 6 गुना अधिक खतरनाक
  • आपकी इम्यूनिटी को भी चकमा दे सकता है ओमिक्रोन
  • इसके लक्षणों को पहचानना बहुत जरूरी है

दक्षिण अफ्रीकी वैज्ञानिकों ने कोविड-19 के एक नये स्वरूप की पहचान की और उसे देश के सबसे ज्यादा आबादी वाले प्रांत गोतेंग में हाल में संक्रमण के मामले बढ़ने के लिए जिम्मेदार ठहराया है। जानिए ओमिक्रॉन वेरिएंट के बारे में सबकुछ।

ओमिक्रॉन के लक्षण

बीबीसी को डॉक्टर एंजेलीके कोएट्जी ने बताया जिन्होंने दक्षिण अफ्रीका में सबसे पहले ओमिक्रॉन वैरिएंट की पहचान की है। उन्होंने कहा कि मैंने इसके लक्षण सबसे पहले कम उम्र के एक शख्स में देखे थे जो तकरीबन 30 साल का था।'

  1. बहुत ज्यादा थकान 
  2. हल्का सिरदर्द 
  3. पूरे शरीर में दर्द 
  4. गले में खराश
  5. खांसी

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डॉक्टर ने मरीजों के एक छोटे से समूह को देखने के बाद इन लक्षणों को बताया है. आवे वाले समय में अधिकांश लोगों में ऐसे लक्षण नजर आते हैं कि नहीं इस बारे में स्पष्ट दावा नहीं किया जा सकता है। 

 कहां-कहां फैला ओमिक्रॉन?

यह अस्पष्ट है कि नया स्वरूप पहली बार कहां सामने आया लेकिन दक्षिण अफ्रीका के वैज्ञानिकों ने हाल के दिनों में विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) को इसे लेकर सतर्क किया और अब इसके मामले ऑस्ट्रेलिया, इज़राइल, नीदरलैंड सहित कई देशों में भी सामने आ रहे हैं। 

विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO)ने इसे 'चिंताजनक स्वरूप' बताया और इसे 'ओमिक्रॉन' नाम दिया। 

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ओमिक्रॉन के बारे में जानिए सबकुछ

दक्षिण अफ्रीका के स्वास्थ्य मंत्री जो फाहला ने कहा कि यह स्वरूप पिछले कुछ दिनों में संक्रमण के मामलों में हुई 'बेतहाशा वृद्धि के लिए जिम्मेदार है। देश में हाल के हफ्तों में हर दिन करीब 200 नये मामले सामने आने के बाद दक्षिण अफ्रीका में शनिवार को 3,200 से अधिक नये मामले सामने आए। इनमें से अधिकांश गोतेंग में सामने आए। संक्रमण के मामलों में अचानक वृद्धि को समझा पाने में संघर्ष कर रहे वैज्ञानिकों ने वायरस के नमूनों का अध्ययन किया और नये स्वरूप की खोज की। अब, 'क्वाजुलु-नताल रिसर्च इनोवेशन एवं सीक्वेंसिंग प्लेटफॉर्म' की निदेशक तुलिया डी ओलिवेरा के मुताबिक गोतेंग में 90 प्रतिशत से अधिक मामले इसी स्वरूप के हैं।

नये स्वरूप को लेकर क्यों चिंतित हैं वैज्ञानिक? 

डेटा का आकलन करने के लिए विशेषज्ञों के एक समूह को बुलाने के बाद डब्ल्यूएचओ ने कहा कि अन्य प्रकारों की तुलना में प्रारंभिक साक्ष्य इस स्वरूप से पुन: संक्रमण के बढ़ते जोखिम का सुझाव देते हैं। इसका मतलब है कि जो लोग संक्रमण से उबर चुके हैं। वे भी इसकी चपेट में आ सकते हैं। 

समझा जाता है कि इस नये स्वरूप में कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन में सबसे ज्यादा, करीब 30 बार परिवर्तन हुए हैं, जिससे इसके आसानी से लोगों में फैलने की आशंका है। 

नया स्वरूप कैसे उभरा?

कोरोना वायरस संक्रमण फैलने के साथ ही अपना रूप बदलता रहता है और इसके नए स्वरूप सामने आते हैं, जिनमें से कुछ काफी घातक होते हैं लेकिन कई बार वे खुद ही खत्म भी हो जाते हैं। वैज्ञानिक उन संभावित स्वरूपों पर नजर रखते हैं, जो अधिक संक्रामक या घातक हो सकते हैं। वैज्ञानिक यह भी पता लगाने की कोशिश करते हैं कि क्या नया स्वरूप जन स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकता है या नहीं। पीकॉक ने कहा कि यह नया स्वरूप ‘‘किसी ऐसे व्यक्ति में विकसित हुआ हो सकता है जो संक्रमित था।

इनपुट भाषा

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