शरीर में कहीं कटने, चोट लगने या फिर घाव होने पर खून निकलना आम बात है, लेकिन थोड़ी देर बाद ही खून निकलना बंद हो जाता है और शरीर उस जगह पर खून का थक्का बना देता है। इससे ज्यादा खून बहने से रुक जाता है। लेकिन कई बार खून का थक्का नहीं बन पाता और लगातार भारी मात्रा में खून बहने लगता है। अगर आपको भी ऐसी समस्या हो रही है तो इसे हीमोफीलिया कहा जाता है। ये एक ऐसी मेडिकल कंडीशन है जब शरीर में ब्लड क्लॉटिंग ही नहीं हो पाती। ऐसे लोगों में रक्त का थक्का जमाने वाला प्रोटीन कम होने लगता है। हीमोफीलिया होने पर बहुत खून बहता है। कई बार इंटरनल ब्लीडिंग आपकी जान के लिए खतरनाक हो सकती है। हर साल 17 अप्रैल को वर्ल्ड हीमोफीलिया डे के रूप में मनाया जाता है। इस दिन लोगों को हीमोफीलिया जैसी गंभीर समस्या के बारे में जागरूक किया जाता है।
हीमोफीलिया के कारण
ज्यादातर मामलों में ये समस्या आनुवंशिक कारण से देखी गई है। अगर परिवार में किसी को ऐसी समस्या है तो दूसरे लोगों को भी इसका खतरा बढ़ जाता है। स्टडीज की मानें तो महिलाओं के मुकाबले पुरुषों में हीमोफीलिया होने का खतरा ज्यादा रहता है। जब किसी व्यकित का खून बहता है तो शरीर खून को रोकने के लिए रक्त कोशिकाओं को इकट्ठा करता है और उससे थक्का बना देता है, लेकिन हीमोफीलिया होने पर क्लॉटिंग कम हो जाती है या बन ही नहीं पाती है।
हीमोफीलिया के लक्षण
बिना किसी वजह के खून बहना
कट के बाद बहुत ज्यादा ब्लीडिंग होना
नॉर्मल तरीके से खून नहीं रुकना
मूत्र या मल में रक्त आना
नाक से अक्सर खून आना
टीका या इंजेक्शन के बाद ज्यादा खून निकलना
हीमोफीलिया होने पर क्या है इलाज?
अगर किसी को हीमोफीलिया की समस्या है तो इसके इलाज के लिए डॉक्टर्स नस में एक ट्यूब के जरिए क्लॉटिंग बनाने वाले प्रोटीन शरीर में पहुंचाते हैं। कई तरह की दवाओं से भी खून में थक्के बनने की प्रक्रिया को बढ़ाया जाता है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो ऐसे लोगों को कटने, चोट लगने या फिर घाव होने पर ज्यादा सावधानी बरतनी चाहिए।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)