ठंड के मौसम में सुबह-सुबह बिस्तर से उठने का मन किसी का भी नहीं होता। इसका असर कुछ हद तक डेली एक्सरसाइज पर भी पड़ सकता है। क्या आपने कभी सोचा है कि सर्दियों में ज्यादा नींद क्यों आती है? अधिक सुस्ती क्यों आती है? अगर आपको लगता है कि इसका कारण सिर्फ ठंडा मौसम है, तो ऐसा बिल्कुल नहीं हैं। दरअसल, इसकी वजह आपके शरीर में विटामिन 'डी' की कमी भी हो सकती है, साथ ही कई और फैक्टर भी हैं जिसकी वजह से सर्दियों में उठने में दिक्कत होती है जानिए क्या हैं वो कारण जिससे आप जल्दी नहीं उठ पाते। साथ ही ये भी जानें कि सर्दियों में सुबह जल्दी उठने के लिए आप क्या कर सकते हैं?
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सर्दियों में जल्दी ना उठ पाने के 4 कारण
मेलाटोनिन का बढ़ा हुआ स्तर
ऐसा माना जाता है कि नींद को कंट्रोल करते हैं रोशनी और अंधेरा। जब भी दिमाग का एक पर्टिकुलर हिस्सा रोशनी के कॉन्टैक्ट में आता है तो वो अचानक ही एक्टिव हो जाता है। ये वो हिस्सा होता है जो मेलाटोनिन, बॉडी टेम्परेचर और हार्मोन को कंट्रोल करता है। इन्हीं तीनों की वजह से बॉडी में नींद इन्फ्लुएंस होती है। मेलाटोनिन की बात करें, तो ये नींद बढ़ाती है।
विटामिन डी की कमी
सर्दी के मौसम में अक्सर सुबह उठने में परेशानी होना आपको नॉर्मल लगता होगा, लेकिन हकीकत बिल्कुल अलग है। दरअसल, सर्दी के मौसम में दिन छोटा और रातें लंबी हो जाती हैं। ज्यादा सूरज की रोशनी ना मिलने की वजह से शरीर में विटामिन डी की कमी हो सकती है। जिस कारण इस मौसम में हमें ज्यादा सुस्ती महसूस होने लगती है।
शरीर का गर्म होना
जब ठंड बढ़ती है, तो हम सभी खुद को कवर कर लेते हैं। बहुत ठंडा या बहुत गर्म तापमान आपके शरीर की प्राकृतिक नींद की प्रक्रिया को बाधित कर सकता है। अपने घर के तापमान के साथ बहुत ज्यादा गड़बड़ करना इस प्रक्रिया के रास्ते में रुकावट बन सकता है।
आरामदायक भोजन
सर्दियों में हम भारी भोजन का सेवन करते हैं। आरामदायक भोजन करने या ज्यादा मात्रा में खाने से आपके शरीर की ऊर्जा उस खाने को पचाने में लग जाती है और आपको अधिक आलस या थकावट महसूस होती है। सर्दियों हैं इसका मतलब ये नहीं कि आप जी भरके खाएं, हां आप पेट भरकर खा सकते हैं।
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सुबह जल्दी उठने के लिए अपनाएं ये तरीके
- रात को सोने से पहले और सुबह उठते ही पानी पीएं, इससे शरीर को जगाने में आसानी होती है।
- एक्टिव रहने के लिए एक्सरसाइज करें, जो बॉडी रूटीन को सेट करने में मदद करेगा।
- कुछ दिन लगातार एक ही वक्त पर सोकर और जागकर बॉडी क्लॉक को सेट करने की कोशिश करें।
- बिस्तर से उठने के कुछ देर बाद ही नहा लें। जिससे आपके बॉडी टेम्परेचर में बदलाव होगा और आप एक्टिव महसूस करेंगे।
- आलस से बचने के लिए हेल्दी और हल्का भोजन लें।