नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस क्या है?
नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस तब होता है जब अग्नाशय के ऊतक सूजन के कारण मर जाते हैं। जब किसी व्यक्ति को नेक्रोटाइज़िंग अग्नाशयशोथ होता है, तो बैक्टीरिया मृत ऊतक में फैल सकता है और संक्रमण का कारण बन सकता है।
अग्न्याशय पेट के पीछे एक अंग है जो भोजन को पचाने में मदद करने के लिए एंजाइम बनाता है। जब अग्न्याशय स्वस्थ होता है, तो ये एंजाइम छोटी आंत में जाते हैं। लेकिन अगर अग्न्याशय में सूजन हो जाती है, तो ये एंजाइम अग्न्याशय में रिसाव कर सकते हैं और ऊतकों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसे पैन्क्रियाटाइटिस कहते हैं। अगर ये समस्या बढ़ जाती है तो खून और ऑक्सीजन अग्न्याशय के कुछ हिस्सों तक नहीं पहुंच पाते हैं। जिससे ऊतक की मृत्यु हो जाती है।
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नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस होने का कारण
स्वामी रामदेव के अनुसार नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस की समस्या पित्त दोष के कारण होता है। इसलिए जरूरी है कि पित्त समस्या को समाप्त किया जाए। जिससे कि नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस से भी छुटकारा मिल जाएगा।
नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस के लक्षण
- पेट में सूजन
- बुखार
- जी मिचलाना
- उल्टी
- डिहाइड्रेशन की समस्या
- लो ब्लड प्रेशर
- हृदय गति तेज हो जाना
नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस से निजात पाने के आयुर्वेदिक उपाय
- जीरा, धनिया और सौंफ का 1-1 चम्मच रात को पानी में भिगो दें। दूसरे दिन सुबह पानी पिएं। हो सके तो इस पानी को दिनभर पिएं।
- औधषिय गुणों से भरपूर एलोवरा, व्हीटग्रास और लौकी का जूस पिएं। इससे पित्त की समस्या से लाभ मिलेगा।
- मोतीपिष्ट, कामदुधा 10-10 ग्राम मिलाकर रोजाना आधा ग्राम खा लें।
- मिट्टी पट्टी पेट और माथे पर रखें। इसके साथ ही कापलभाति करे। इससे आपका पाचन तंत्र ठीक रहने के पित्त दोष से छुटकारा मिलेगा।
- नेक्रोटाइजिंग पैंक्रियाइटीस में एक्यूप्रेसर प्वाइंट काफी कारगर है। इसके लिए छोटी अंगूली के नीचे हथेली को दबाएं।