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इन 3 वजहों से पड़ सकता है मिर्गी का दौरा, स्वामी रामदेव से जानिए कारगर इलाज

एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसमें करंट की तरह ब्रेन में दौड़ने वाले न्यूरॉन्स में गड़बड़ी हो जाती है।

Written by: India TV Lifestyle Desk
Updated on: July 05, 2021 13:30 IST
इन 3 वजहों के कारण पड़ सकता है मिर्गी का दौरा, स्वामी रामदेव से जानिए कारगर इलाज - India TV Hindi
Image Source : FREEPIK.COM इन 3 वजहों के कारण पड़ सकता है मिर्गी का दौरा, स्वामी रामदेव से जानिए कारगर इलाज 

हमारे शरीर में एक नर्वस सिस्टम होता है जिसमें 100 मिलियन से ज्यादा न्यूरॉन होते है। इन न्यूरॉन में केमिकल एक्टिविटी के कारण करंट पैदा होता है। जो दिमाग को मैसेज भेजता है। लेकिन जब यह केमिकल एक्टिविटी कम हो जाती हैं एपिलेप्सी की समस्या हो जाती है। एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। मिर्गी का दौरा 20 सेकंड से 3 मिनट तक रहता है।

विश्व स्वास्थ्य संगठन ( WHO)के मुताबिक, पूरी दुनिया में 5 करोड़ लोग एपिलेप्सी का शिकार हैं और भारत में तकरीबन 1 करोड़ लोगों को मिर्गी के दौरे पड़ते हैं। दरअसल,एपिलेप्सी एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है। इसमें करंट की तरह ब्रेन में दौड़ने वाले न्यूरॉन्स में गड़बड़ी हो जाती है। जिसके कारण बेहोशी आने लगती है। बॉडी में झटके आते हैं और हाथ-पांव अकड़ जाते हैं। 

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खास बात ये है कि जिस मिर्गी को लेकर मरीज शर्म महसूस करता है, वो सिर पर चोट लगने से भी शुरू हो सकती है। दिमागी बुखार, इंफेक्शन, ब्रेन ट्यूमर, ब्रेन टीबी इसकी वजह से होता है। कई बार तो लोग जो नशे के आदी होते हैं, उन्हें भी सीजर्स होते हैं। साथ ही साथ स्ट्रेस, हार्मोनल बदलाव, खराब लाइफस्टाइल और अगर आपकी नींद भी पूरी नहीं हो रही है तो भी ये सब चीजें मिर्गी को ट्रिगर कर सकता है। इस बीमारी में कम जानकारी मरीज की समस्याओं को और भी ज्यादा बढ़ा देता है। स्वामी रामदेव से जानिए कारगर इलाज। 

स्वामी रामदेव के अनुसार  एपिलेप्सी की समस्या के तीन मुख्य कारण है। अधिक स्ट्रेस लेना, ब्रेन में किसी तरह का स्पार्क होना या फिर ब्रेन में केमिकल इनबैलेंस या यीस्ट बन जाना शामिल है। 

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एपिलेप्सी के लक्षण

  1. दिमाग ब्लैंक हो जाना
  2. तेज रोशनी से परेशानी
  3. बेहोश हो जाना
  4. मांसपेशियों में तनाव 
  5. झटके लगना
  6. बॉड़ी लड़खड़ाना
  7. मुंह से झाग आना

एपिलेप्सी का कारगर इलाज

शीर्षासन 

  1. ब्रेन से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं। 
  2. बच्चों का दिमाग तेज होता है।
  3. आंखों की रोशनी बढ़ती है। 
  4. ब्रेन में पूरी तरह ऑक्सीजन पहुंचता है।
  5. मेंटल पीस और मेमोरी पावर बढ़ती है।

सर्वांगासन 

  1. हाथ-कंधों की मसल्स मजबूत बनती हैं।
  2. बच्चों का कंसंट्रेशन बढ़ता है।
  3. याद की हुई चीजें भूलते नहीं हैं। 
  4. ब्रेन में एनर्जी का फ्लो बेहतर होता है।
  5. आंखों पर चश्मा नहीं चढ़ेगा।
  6. चेहरे पर ग्लो आता है।
  7. लिवर को एक्टिव बनाता है।  

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शशकासन

  1. लिवर, किडनी रोगों में कारगर
  2. पाचन तंत्र को रखे ठीक
  3. मानसिक रोगों से दिलाए मुक्ति
  4. मोटापा कम करने में करे मदद
  5. क्रोध, चिड़चिड़ापन को करे दूर  

एपिलेप्सी के लिए प्राणायाम

  1. अनुलोम विलोम
  2. भ्रामरी
  3. उद्गीथ

एपिलेप्सी (मिर्गी) की आयुर्वेदिक औषधियां

  1. मेधावटी का सेवन करे।
  2. बादामरोगन या  फिर गाय का घी नाक में डालें।
  3. रात को बादाम, अखरोट, मुनक्का, अंजीर भिगो दें और सुबह पीसकर इसका सेवन करे। 
  4. अश्वशिला की एक गोली दिन में तीन बार लें।
  5. चंद्रप्रभावटी दिन में एक-एक गोली लें
  6. स्वामी रामदेव के अनुसार बरगद, पीपल की जटाओं में ऐसे औषधिय गुण पाए जाते हैं जो न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर की समस्या से निजात दिलाता है। इसका सेवन कुछ दिनों तक करने से आपको मिर्गी की समस्या से भी लाभ मिलेगा। बरगद-पीपल की जटाओं का काढ़ा बनाने के लिए 1 लीटर पानी में मेधा क्वाथ, बरगद, पीपल की कुछ जटाओं को डालकर अच्छे से पका लें। जब 250 एमएल पानी बच जाए तो छानकर दिनभर इसका सेवन करें।

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