एक समय ऐसा था जब सफेद बाल होना बुढ़ापा की निशानी माने जाते थे। क्योंकि जवानी में अच्छी लाइफस्टाइल और खानपान के कारण बाल काले होते थे। लेकिन आज के समय में छोटे-छोटे बच्चों से लेकर युवाओं के बाद सफेद हो रहे हैं। बड़े लोग सफेद बालों को छिपाने के लिए कलर कर लेते हैं लेकिन बच्चों का क्या? स्वामी रामदेव से जानिए कैसे करें सफेद बालों से बचाव।
बच्चों के बाल सफेद होने के कारण
- बच्चों के बाल कई कारणों से सफेद हो जाते हैं।
- शरीर में मेलेनिन का निर्माण बंद हो जाना
- आनुवांशिकता
- शरीर में पोषक तत्वों की कमी
- विटामिन बी की कमी
- दवाओं के कारण
- ठीक से नींद ना लेने के कारण
- तनाव के कारण
बालों को सफेद होने से ऐसे रोकें
शीर्षासन
शीर्षासन की शुरुआत पहले दीवार के सहारे करें। माथे का आगे का हिस्सा जमीन पर टिकना चाहिए। सबसे पहले वज्रासन मुद्रा में घुटनों पर बैठ जाएं और अपने दोनों हाथों की अंगुलियों को इंटरलॉक कर लें। हथेली को कटोरी के आकार में मोड़ें और धीरे से अपने सिर को झुकाकर हथेली पर रखें। इसके बाद धीरे-धीरे अपने दोनों पैरों को ऊपर उठाएं और एकदम सीधे रखें। पैरों को ऊपर उठाने के लिए आप शुरुआत में दीवार या किसी व्यक्ति का सहारा ले सकते हैं। इस दौरान नीचे से ऊपर तक पूरा शरीर बिल्कुल सीधा होना चाहिए। शरीर का संतुलन अच्छी तरह से बनाए रखें। इस मुद्रा में आने के बाद 15 से 20 सेकंड तक गहरी सांस लें और कुछ देर तक इसी मुद्रा में बने रहें। अब धीरे-धीरे सांस छोड़ें और और पैरों को नीचे जमीन पर वापस लाएं।
सर्वांगासन
पीठ के बल लेट जाएं। इसके बाद कंधों के नीचे कंबल को मोड़कर रख लें। अब कंधों को कंबल के किनारे की सीध में ले आएं। दोनों हाथ शरीर के साथ रखें, हथेलियां नीचे रहेंगी। टांगों को सीधे हवा में ऊपर की तरफ उठाएं। धीमी गति से टांगों को सिर की तरफ मोड़ें। दोनों हाथों को कमर पर ले जाकर सहारा दें। हाथों की अंगुलियां ऊपर की तरफ रहेंगी। टांगों को ऊपर की तरफ खींचकर उठाएं। कंधे, रीढ़ की हड्डी और हिप्स एक सीध में आ जाएंगे। इसी स्थिति में थोड़ी देर रहने के बाद आराम से श्वासन की मुद्रा में आ जाए।
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आंवला का सेवन
विटामिन सी से भरपूर आंवला बालों के लिए काफी फायदेमंद है। रोजाना सुबह बच्चों को थोड़ी मात्रा में जूस पिलाएं। आप चाहे तो आंवले की कैंडी, अचार आदि भी खिला सकते हैं।
एलोवेरा का सेवन
विटामिन्स और मिनरल्स का खजाना एलोवेरा में विटामिन ए, सी, ई, फॉलिक एसिड, कोलीन, बी1, बी2, बी3 और बी6 पाया जाता है। बच्चों को रोजाना थोड़ी मात्रा में आंवला के जूस के साथ इसका भी जूस पिलाएं।
नाखून रगड़ना
नाखूनों को रगड़ने से डाइहाइड्रोटेस्टोस्टेरोन हार्मोन के स्तर को नियंत्रित करने में भी मदद मिलती है जो बालों के बेहतर विकास और इनके रोम को फिर से एक्टिव करता है। साथ ही नाखून रगड़ने से बालों का सफेद होना, बालों का अधिक झड़ना, गंजापन और अनिद्रा जैसी समस्या को भी कम किया जा सकता है। इसलिए रोजाना दोनों हाथों की चारों अंगुलियों के नाखूनों को आपस में रगड़े।