Highlights
- पंचकर्म एक आयुर्वेदिक तकनीक है
- पंचकर्म क्रिया से शरीर अच्छी तरह से डिटॉक्स हो जाता है
एक तरफ ओमिक्रॉन का खतरा धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है तो वहीं दूसरी तरफ ठंड का कहर भी बढ़ता जा रहा है। जाहिर है कि ऐसे में आपको सेहत को लेकर पूरी तरह से सतर्क रहने क जरूरत है। अच्छे खानपान के साथ-साथ रोजाना वर्कआउट करें। क्योंकि सर्दियों में हर कोई जमकर खाता है और शारीरिक रूप से एक्टिव बहुत ही कम होता है, जिसके कारण बैठे-बिठाएं आप कई बीमारियों को न्यौता दे देते हैं।
एक्सरसाइज करने से हमारे शरीर से पसीना निकलता है और इस पसीने के जरिए कई तरह के टॉक्सिन बाहर निकल जाते हैं। लेकिन सर्दियों के मौसम में शरीर के अंदर का जहरीला कचरा नाक-आंख, गले, फूड पाइप, लंग्स और पेट में फंसा रह जाता है और इससे शरीर में खराब खून की सप्लाई होने लगती है। ऐसे में आपके हार्मोन्स इम्बैलेंस हो जाते है और इन टॉक्सिन का असर तमाम तरह की बीमारियों की शक्ल में दिखाई देता है।
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स्वामी रामदेव के अनुसार मौसम कैसा भी हो लेकिन रोज 30 मिनट वर्कआउट जरूर करना चाहिए ताकि शरीर से टॉक्सिन निकलते रहें। लेकिन जो लोग ऐसा नहीं कर पाते हैं उनके लिए योग और आयुर्वेद में पंचकर्म है।
क्या है पंचकर्म?
पंचकर्म एक ऐसी आयुर्वेदिक तकनीक है, जिससे शरीर डिटॉक्स होता है यानि 30 दिन के योग का फायदा एक दिन के पंचकर्म-षट्कर्म से मिलता है। पंचकर्म में 5 तरीके से शरीर के अंद की सफाई होती हैं।
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पंचकर्म करने का तरीका
शिरोधारा- औषधीय तेल की धारा से सिर का मसाज करना होता है। इस क्रिया को करने से स्ट्रेस, टेंशन, एंग्जाइटी, डिप्रेशन, सिरदर्द की समस्या से निजात मिलता है।
स्नेहन- तेल से पूरे शरीर की मालिश करना
स्वेदन- स्टीम के जरिए पसीने से टॉक्सिन निकालना
वमन- मुंह के जरिए शरीर से टॉक्सिन निकालना। इसे करने से खांसी, बुखार, इनडाइजेशन, थायइराइड आदि समस्याएं दूर हो जाती हैं।
विरेचन- स्टूल के जरिए शरीर का कचरा निकालना। इस क्रिया को करने से ब्लड शुगर ,स्किन संबंधी समस्याएं ,डाइजेशन, लिवर और किडनी संबंधी समस्याएं दूर हो जाती हैं।
नस्य- नाक के जरिए औषधि ब्रेन तक पहुंचाना। इस क्रिया को करने से आंख, गले, साइनस, माइग्रेन, स्पॉन्डिलाइटिस की समस्या में फायदा मिलता है।
पंचकर्म के फायदे
- शरीर करता है डिटॉक्स
- गंदे टॉक्सिन को शरीर से बाहर निकाल देता है
- इम्यूनिटी हाई रहती है
नौली क्रिया के फायदे
- पाचन तंत्र की सफाई
- यूरिन प्रॉब्लम ठीक होती है
- गैस,एसिडिटी में फायदा
- नाक-गले की सफाई
- पानी,धागे,घी,तेल, दूध से होती है
- सर्दी,जुकाम,कफ में फायदेमंद
- एलर्जी , टॉन्सिल में कारगर
धौति क्रिया के फायदे
- धौति मतलब साफ करना
- मुंह से लेकर आंत तक की सफाई
- डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक होता है
- कफ, पित्त दूर होता है
क्या है षट्कर्म?
नाक,गला,लंग्स,पेट,इंटेस्टाइन में कचरा फंसा रहता है। खराब लाइफ स्टाइल से शरीर के अंदर टॉक्सिन बनता है। शरीर के अंदर की सफाई से फंसा कचरा बाहर निकलता है। योग में 6 तरीके से शरीर को डिटॉक्सिफाई किया जाता है। डिटॉक्सिफिकेशन के इन्हीं 6 तरीकों को षट्कर्म कहते हैं।
षट्कर्म के फायदे
- बॉडी का डिटॉक्सिफिकेशन होता है
- षट्कर्म से एनर्जी लेवल बढ़ता है
- शरीर के सारे सिस्टम को स्ट्रॉंग बनाता है
- डाइजेस्टिव सिस्टम,रिप्रोडक्टिव सिस्टम,नर्वस सिस्टम बेहतर
- कई रोगों से मुक्त करने में इम्पोर्टेंट रोल निभाता हैं
- टॉक्सिन दूर होने से हड्डियां मजबूत होती है
- शरीर के सेंस ऑर्गन एक्टिव होते हैं
- इम्यूनिटी पावर को मजबूत बनाता है
- प्राणायाम से पहले शरीर प्यूरिफाई होनी चाहिए
- शरीर डिटॉक्स होने पर हार्मोन्स बैलेंस रहेंगे
- ब्रेन एंग्जाइटी,स्ट्रेस,निगेटिव विचार से मुक्ति
यौगिक जॉगिंग
- महिलाओं के शरीर को ऊर्जावान बनाए शरीर के फैट को करे कम
- जांघ की मंसपेशियों के लिए फायदेमंद
- शरीर को सुडौल और फिट बनाए
- शरीर को ऊर्जावान बनाए
- सभी अंगों को करे एक्टिव
सूर्य नमस्कार
- महिलाओं को इम्यूनिटी बढ़ाए
- फेफड़ों कर ऑक्सीजन पहुंचाए
- वजन बढाने में मददगार
- एनर्जी लेवल को बढ़ाने में करे मदद
- पाचन तंत्र को करे ठीक
- शरीर की ऊर्जा बढ़ाए
उष्ट्रासन
- किडनी को स्वस्थ बनाता है
- मोटापा दूर करने में सहायक
- शरीर का पोश्चर सुधरता है
- पाचन प्रणाली को ठीक होती है
- टखने के दर्द को दूर भगाता है
- कंधों और पीठ को मजबूत करता है
- पीठ दर्द में बेहद लाभकारी
- फेफड़ों को स्वस्थ बनाने में मददगार
दंड बैठक
- महिलाओं के पैर के मसल्स को मजबूत बनाए।
- मोटापा कम करने में मददगार
- चर्बी दूर करने में करे मदद
- मसल्स को करे मजबूत
- हद्य रोग से बचा सकते है
- पैरों और जांघों को करे मजबूत
- सीना और भुजाओं को मजबूत बनाए।
शीर्षासन
- ब्रेन के लिए फायदेमंद
- आंखों री रोशनी बढाए
- भुजाएं मजबूत बनाए
- चेहरे पर ताजगी लाए
सर्वांगासन
- थायराइड ग्लैंड को करे एक्टिव
- एकाग्रता बढ़ाने में मददगार
- ब्रेन में एनर्जी का फ्लो करे
- आंखों का चश्मा हटाए
मंडूकासन
- डायबिटीज को करे कंट्रोल
- पाचन तंत्र को रखे सही
- लिवर, किडनी को रखे हेल्दी
- वजन घटाने में कारगर
- पैन्क्रियाज से इंसुलिन बढ़ाए
- गैस और कब्ज की समस्या में कारगर
गौमुखासन
- रीढ़ की हड्डी को करे मजबूत
- शरीर को लचीला बनाता है
- फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है
- पीठ, बाहों को रखे मजबूत
- मल्टीपल सिरोसिस में लाभकारी
- ब्लड शुगर को करे कंट्रोल
वृक्षासन
- रीढ़ की हड्डी में लाभकारी
- सीने को चौड़ा करे
- शरीर को लचीला बनाने में कारगर
- बच्चों को कद को बढ़ाए
- काम के प्रति एकाग्रता बढ़ाए
उत्तानपादासन
- फेफड़ों को रखें हेल्दी
- शरीर को सुंदर और सुडौल बनाए
- गर्दन की मांसपेशियों मे करे खिंचाव
- तनाव और डिप्रेशन से दिलाए राहत
- मोटापा कम करने मे करे मदद
- टीबी, निमोनिया में लाभकारी
- पाचन शक्ति में लाभकारी
मर्कटासन
मर्कटासन कई तरीके से किया जाता है। इसके लिए पीठ के बंल आराम से लेट जाए। इसके बाद कंधों के बराबर अपने हाथों को फैलाएं। फिर दोनों पैरों को घुटनों से मोड़ लें। अब दोनों पैरों को मिलाकर पहले दाएं ओर करें। इसके साथ ही गर्दन को बाएं ओर मोड़े। फिर इस तरह दोबारा करें। इस आसन को करने से पीठ दर्द से निजात, रीढ़ की हड्डी संबंधी हर समस्या से निजात, सर्वाइकल, गैस्ट्रिक, गुर्दे के लिए फायदेमंद।
ताड़ासन
- रोज करने से शरीर काफी लचीला होता है
- कमर की चर्बी पूरी तरह खत्म हो जाती है
- कद बढ़ाने में भी मदद मिलती है
- वजन घटाने में मदद मिलता है
- मन को शांत रखने में सहायक
तिर्यक ताड़ासन
- वजन घटाने में मदद करें।
- कद बढ़ाने में करें मदद
- हाई बीपी को करें कंट्रोल
- मन को रखे शांत
- भूलने की बीमारी से दिलाए छुटकारा
शरीर को डिटॉक्स करने के लिए करें ये प्राणायाम
- भस्त्रिका
- कपालभाति
- अनुलोम विलोम
- भ्रामरी
- उद्गीथ