Diabetes Myths: इन दिनों डायबिटीज के रोगियों में लगातार इजाफा हो रहा है। गलत लाइफस्टाइल और फिजिकल एक्टिविटी न करने की वजह डायबिटीज के मरीजों की संख्या बढ़ रही है। ऐसे में डायबिटीज को लेकर कई मिथक भी गहराने लगे हैं। लोगों को इस बात का डर सताने लगा है कि कहीं वे भी डायबिटीज के शिकार तो नहीं हो रहे हैं। आइए इस आर्टिकल में जानेंगे कि कैसे डायबिटीज से जुड़े मिथकों का हल पाकर हम खुद को हेल्दी रख सकते हैं।
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डायबिटीज क्या गंभीर बीमारी नहीं है?
मेडिकल साइंस के अनुसार, किसी मरीज में 'लाइट डायबिटीज' जैसी कोई चीज नहीं होती है। सभी प्रकार के डायबिटीज गंभीर होते हैं और यदि ठीक से इसका इलाज नहीं किया गया तो यह जटिलताएं पैदा कर सकता है। यह लाइफ की क्वालिटी को प्रभावित कर सकता है और आपकी हेल्थ में बाधा बन सकता है।
क्या सभी प्रकार के डायबिटीज एक जैसे होते हैं?
डायबिटीज के सबसे सामान्य प्रकार टाइप 1, टाइप 2 और शुरुआती डायबिटीज है। हर प्रकार के डायबिटीज के अलग-अलग कारण होते हैं और इनके लिए अलग-अलग इलाज की आवश्यकता होती है। इस बीमारी में हर दिन खुद को देखभाल करनी होती है। वहीं टाइप 2 डायबिटीज को लेकर जोखिम काफी बढ़ा देता है।
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टाइप 1 डायबिटीज को ट्रिगर करने के लिए जेनेटिक्स और अन्य अज्ञात कारक जिम्मेदार हैं। जबकि लाइफस्टाइल और गलत खानपान टाइप 2 डायबिटीज के लिए जिम्मेदार हैं। अधिक मीठा खाना टाइप 2 डायबिटीज का कारण बन सकता है। अधिक वेट होने से आपको डायबिटीज होने का खतरा बढ़ जाता है और ज्यादा कैलोरी लेने से वजन बढ़ सकता है।
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क्या अधिक वजन और मोटापा डायबिटीज का कारण बन सकता है?
अधिक वजन या मोटापा टाइप 2 डायबिटीज के लिए एक जोखिम कारक है लेकिन यह प्रत्यक्ष कारण नहीं है। वहीं टाइप 1 डायबिटीज को रोका नहीं जा सकता है और यह अधिक वजन, खानपान या लाइफस्टाइल इस टाइप के डायबिटीज के कारक नहीं है।
Disclaimer: यह जानकारी आयुर्वेदिक नुस्खों के आधार पर लिखी गई है। इंडिया टीवी इनके सफल होने या इसकी सत्यता की पुष्टि नहीं करता है। इनके इस्तेमाल से पहले चिकित्सक का परामर्श जरूर लें।