Friday, September 13, 2024
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जानलेवा हो सकता है मोबाइल एडिक्शन, बुरी तरह से डैमेज हो जाएगा ब्रेन, योग-मेडिटेशन को रूटीन में करें शामिल

क्या आप भी हर समय मोबाइल फोन का इस्तेमाल करते रहते हैं? अगर हां, तो समय रहते योग-मेडिटेशन करना शुरू कर दीजिए वरना आपकी सेहत बुरी तरह से प्रभावित हो सकती है।

Written By : Pankaj Kumar Edited By : Vanshika Saxena Published on: August 23, 2024 9:35 IST
मोबाइल एडिक्शन के साइड इफेक्ट्स- India TV Hindi
Image Source : FREEPIK मोबाइल एडिक्शन के साइड इफेक्ट्स

पैरेंट्स बिना सोचे-समझे सिर्फ दो-ढाई साल के बच्चों के हाथ में मोबाइल थमा देते हैं। इसके बाद बिना मोबाइल यूज किए बच्चा खाना तक नहीं खाता है। हालांकि इंफॉर्मेशन, टेक्नॉलोजी और एआई के दौर में मोबाइल का इस्तेमाल जरूरी है। लेकिन छोटे-छोटे बच्चों को मोबाइल देने की क्या जरूरत है? अगर आप भी मोबाइल एडिक्शन को सीरियसली नहीं ले रहे हैं, तो आपको बता दें कि सेलफोन आपके बच्चों का सबसे बड़ा दुश्मन बन रहा है। कच्ची उम्र में बच्चों को डिजिटल डिमेंशिया जैसी घातक बीमारी हो सकती है। 

किसे कहते हैं डिजिटल डिमेंशिया?

इस कंडीशन में दिमाग में ब्लड सप्लाई कम हो जाती है जिससे सेल्स को नुकसान पहुंचता है और वो डैमेज होने लगते हैं। अगर बच्चा याद किया हुआ भूल जाए या फिर किसी चीज पर फोकस न कर पाए या फिर उसकी परफॉर्मेंस घटने लगे, तो समझ लीजिए कि वो डिजिटल डिमेंशिया से जूझ रहा है। डिजिटल डिमेंशिया सिर्फ बच्चों पर ही नहीं बल्कि बड़ों पर भी अटैक कर रहा है। ब्रिटेन में हुई स्टडी के मुताबिक, दिन में 4 घंटे से ज्यादा स्क्रीन टाइम से वैस्कुलर डिमेंशिया और अल्जाइमर का जोखिम बढ़ जाता है। फोन पर घंटो स्क्रॉल करने पर ढेरों फोटोज, एप्स, वीडियोज सामने आते हैं जिससे आपके दिमाग के लिए सब कुछ याद रखना मुश्किल हो जाता है। परिणाम स्वरूप आपकी याद्दाश्त, कॉन्संट्रेशन और सीखने की क्षमता पर बुरा असर पड़ता है। 

क्या कहता है सर्वे?

सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल, बढ़ता स्क्रीन टाइम, इनएक्टिव लाइफस्टाइल और खराब खानपान से डायबिटीज, हार्ट डिजीज और कैंसर का जोखिम और बढ़ रहा है। बच्चों की तो हड्डियां तक कमजोर हो रही हैं। सर्वे बताता है कि जो बच्चे मोबाइल देखते हुए 2 रोटी खाते हैं, वो बिना मोबाइल के 1 रोटी भी सही से नहीं खाते। यानी बच्चों से लेकर बड़ों तक, सभी को न सिर्फ डिजिटल डिमेंशिया से बल्कि उनको मोबाइल एडिक्शन के साइड इफेक्ट्स से भी बचना है। आइए बाबा रामदेव से जानते हैं कि योग-मेडिटेशन की मदद से आप फोकस, ब्रेन हेल्थ और फिजिकल हेल्थ को कैसे इम्प्रूव कर सकते हैं। 

ब्रेन ट्यूमर के लक्षण

सिरदर्द

वोमिटिंग
मूड स्विंग्स
सुनने में दिक्कत
बोलने में दिक्कत
याद्दाश्त कमजोर
नजर कमजोर

ब्रेन डिसऑर्डर से जुड़ी बीमारियां

पार्किंसन
अल्जाइमर
डिमेंशिया
ब्रेन इंजरी
ब्रेन ट्यूमर

ब्रेन को हेल्दी बनाने के लिए 5 उपाय

एक्सरसाइज
बैलेंस डाइट
तनाव से दूरी
म्यूजिक
अच्छी नींद

ब्रेन को कैसे बनाएं स्ट्रॉन्ग?

बादाम रोगन दूध में डालकर पिएं
बादाम रोगन नाक में डालें
बादाम-अखरोट पीसकर खाएं 
योग-मेडिटेशन करें

 

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