Health Benefits of Millet: अधिकत्तर भारतीय घरों में आज भी गेहूं की जगह मक्के और बाजरा की रोटी पसंद करते हैं। सर्दियों में तो लोग इसे बड़े ही चाव के साथ इसका सेवन करते हैं। आम बोलचाल भाषा में इसे मोटा अनाज कहा जाता है, जिसमें ज्वार, बाजरा, रागी, सावां, कंगनी, चीना, कोदो, कुटकी और कुट्टू शामिल है। सर्दी के दिनों में ठंड से शरीर को बचाने के लिए ज्वार और बाजरा खाने की सलाह भी दी जाती है। लेकिन आज के बदलते दौर में मोटे अनाज का इस्तेमाल धीरे-धीरे कम होता जा रहा है। ऐसे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस ओर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए एक आयोजन में हिस्सा लिया, जहां उन्होंने मोटे अनाज से बने व्यंजनों का लुत्फ उठाया।
पीएम मोदी ने मंगलवार को बीजेपी संसदीय दल की बैठक में बेहतर स्वास्थ्य के लिए मोटे अनाज और खेलों की अहमियत पर बल दिया। साथ ही सांसदों से इन्हें प्रोत्साहित करने की दिशा में काम करने को कहा। प्रधानमंत्री ने केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय द्वारा संसद परिसर में सांसदों के लिए आयोजित एक विशेष दोपहर भोज में भी हिस्सा लिया, जिसमें मोटे अनाजों के व्यंजन परोसे गए। पीएम को जो व्यंजन परोसा गया उसमें बाजरा से बनी खिचड़ी, रागी डोसा, रागी रोटी, ज्वार की रोटी, हल्दी की सब्जी, बाजरा और चूरमा शामिल थे। मीठे व्यंजनों में बाजरा खीर, बाजरा केक सहित अन्य खाने की चीजें थी।
मोटे अनाज खाने के फायदे
अन्य अनाज की तुलना में मोटे अनाज काफी सस्ते होते हैं। इसके साथ ही इसमें कोई पोषक तत्व मौजूद होते हैं। कुपोषण पर जीत पाने के लिए मोटा अनाज मददगार साबित हो सकता है। गेहूं और चावल की तुलना में मोटे अनाज में मिनरल, विटामिन, एंजाइम और इन सॉल्युबल फाइबर भी ज्यादा मात्रा में पाया जाता है। इसके साथ ही मोटे अनाज में मैक्रो और माइक्रो जैसे पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं। इस तरह मोटे अनाज को खाने से शरीर में कई पोषक तत्वों की पूर्ति होती है साथ ही यह कुपोषण से भी बचाव करेगा। मोटे अनाजों में बीटा-कैरोटीन, नाइयासिन, विटामिन-बी6, फोलिक एसिड, पोटेशियम, मैग्नीशियम, जस्ता आदि खनिज लवण भी प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
मोटे अनाज खाने के अन्य फायदे
- हड्डियां मजबूत रहती है
- कैल्शियम की पूर्ति होती है
- पेट सही रहता है
- वजन कंट्रोल रखने में मददगार होता
- पाचन बेहतर बना रहता है
- एनीमिय को दूर करता है
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