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कहीं आपका बच्चा भी ना हो जाए खसरे (measles) का शिकार? बचाव के लिए मानें सरकार के ये खास सुझाव

Measles threat in India: भारत में अचानक से खसरा रोग का प्रकोप बढ़ गया है। महाराष्ट्र में अकेले इसके सबसे ज्यादा मामले हैं। ऐसे में भारत सरकार व्यापक तौर पर खसरे के टीकाकरण को लेकर सख्त हो गई है।

Written By: Pallavi Kumari
Published on: November 24, 2022 13:56 IST
measles_who_centre_advice- India TV Hindi
Image Source : WHO measles_who_centre_advice

खसरा (Measles), एक वायरल बीमारी है जो कि सबसे ज्यादा छोटे बच्चों को प्रभावित करती है। इस साल अब तक इस बीमारी के प्रकोप में कुल 3,534 बच्चे आ चुके हैं और बहुत से बच्चों की मौत हो चुकी है। इसी बीच अब बात खसरे के टीकाकरण (measles vaccination) की हो रही है, जिसमें दुनिया भर के कई देश पिछड़ गए हैं और इन देशों मे भारत भी शामिल है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) की एक रिपोर्ट है जिसमें बताया गया है कि कोरोना के दो सालों के बीच लगभग 40 मिलियन यानी 4 करोड़ बच्चे खसरे का टीका लेने से रह गए। वहीं, एक रिपोर्ट के मुताबिक भारत में महाराष्ट्र में ही 1.74 लाख बच्चे ऐसे हैं जिन्हें खसरे का टीका नहीं लगा है। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि पूरे भारत की स्थिति क्या होगी।

पर अब जिस तरह से खसरा के मामले बढ़ हैं भारत सरकार सतर्क हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव पी अशोक बाबू ने एक विशेषज्ञों की बैठक बुलाई जिसमें उन्होंने खसरे के टीकाकरण को लेकर कुछ खास सुझाव दिए हैं।

9 महीने से 5 साल तक के बच्चों को अतिरिक्त खुराक देने पर सरकार करे विचार: विशेषज्ञ

नीति आयोग की इस बैठक में एक्सपर्ट्स से टीकाकरण को लेकर काफी सारी बातें कही। विशेषज्ञों  का कहना था कि सरकार को पहले तो व्यापक तौर टीकाकरण चलाना चाहिए और यह तय करना चाहिए कि कोई भी बच्चा खसरे के टीके (measles vaccine) बच ना रहे। साथ ही केंद्र ने कहा कि राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को सलाह दी जाती है कि वे संवेदनशील क्षेत्रों में नौ महीने से पांच साल के सभी बच्चों को अतिरिक्त खुराक देने पर विचार करें। यह खुराक नौ-12 महीने में पहली खुराक और 16-24 महीने में दूसरी खुराक के प्राथमिक टीकाकरण कार्यक्रम के अतिरिक्त होगी।  

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हर बच्चे के लिए जरूरी है खसरे का टीका 

बता दें कि यूनिवर्सल इम्यूनाइजेशन प्रोग्राम (universal immunization programme) के तहत हर बच्चे को खसरे के टीके की दो खुराक लगनी चाहिए। पहली खुराक 9 से 12 महीने के बीच और दूसरी खुराक 16 से 24 महीने के बीच। लेकिन, अब इसके अलावा अतिरिक्त खुराक भी दी जाएगी।

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10% से अधिक मामले वाले क्षेत्रों में टीकाकरण पर होगा खास जोर 

सरकार का यह भी सुझाव है कि एमआरसीवी (MRCV) की एक खुराक छह महीने और नौ महीने से कम उम्र के सभी बच्चों को उन क्षेत्रों में दी जानी है, जहां खसरा के मामले 10% से ज्यादा हैं। चूंकि MRCV की यह खुराक इस समूह को "प्रकोप प्रतिक्रिया टीकाकरण "(ORI) मोड में दी जा रही है, इसलिए इन बच्चों को प्राथमिक (नियमित) खसरा और रूबेला टीकाकरण कार्यक्रम के अनुसार MRCV की पहली और दूसरी खुराक से भी कवर किया जाना चाहिए।साथ ही सरकार ने  साप्ताहिक आधार पर खसरे की स्थिति की समीक्षा करने, प्रतिक्रिया और गतिविधियों की योजना बनाने को कहा है।

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