भारत के पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को एम्स अस्पताल में भर्ती किया गया था, जहां पर 26 दिसंबर को उन्होंने आखिरी सांस ली। बढ़ती उम्र के साथ सेहत से जुड़ी समस्याएं भी बढ़ती जाती हैं। बताया जा रहा है कि डॉक्टर मनमोहन सिंह की एज रिलेटेड मेडिकल कंडीशन थी। इसके अलावा पूर्व प्रधानमंत्री की कॉन्शियसनेस यानी चेतना भी खो गई थी। इतना ही नहीं मनमोहन सिंह रेस्पिरेटरी डिजीज से भी पीड़ित थे।
सांस लेने में तकलीफ
रेस्पिरेटरी डिजीज की वजह से मनमोहन सिंह को सांस लेने में दिक्कत महसूस होती थी। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि रेस्पिरेटरी डिजीज की वजह से आपके फेफड़ों की सेहत बुरी तरह से डैमेज हो सकती है। रेस्पिरेटरी डिजीज के पीछे कई कारण छिपे हो सकते हैं। वायु प्रदूषण, इंफेक्शन और स्मोकिंग इस बीमारी के मुख्य कारण हो सकते हैं।
चिंता का विषय
रेस्पिरेटरी डिजीज के बढ़ते मामले वाकई में चिंता का विषय हैं। खराब लाइफस्टाइल, डाइट प्लान और वातावरण की वजह से सांस से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी हद तक बढ़ गया है। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गनाइजेशन के मुताबिक क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज और अस्थमा, इन दो बीमारियों की वजह से काफी ज्यादा जान जाती हैं। ये बीमारियां युवाओं को भी अपना शिकार बना रही हैं।
बचाव का तरीका
अगर आप रेस्पिरेटरी डिजीज की चपेट में आने से बचना चाहते हैं, तो आपको स्मोकिंग जैसी बुरी आदत को छोड़ देना चाहिए। फेफड़ों को डैमेज करने वाले एयर पॉल्यूशन से बचने के लिए आप मास्क का इस्तेमाल कर सकते हैं। इस तरह की बीमारी से बचने के लिए घर पर एयर प्यूरीफायर या फिर पौधे लगाए जा सकते हैं। इसके अलावा विटामिन सी और एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर डाइट लें और रेगुलरली एक्सरसाइज करें जिससे आपका इम्यून सिस्टम मजबूत बना रहे।
(ये आर्टिकल सामान्य जानकारी के लिए है, किसी भी उपाय को अपनाने से पहले डॉक्टर से परामर्श अवश्य लें)