कई बार एक जगह या एक ही स्थिति में बैठे रहने से पैर सुन्न पड़ जाते हैं। जिससे अजीब सी झनझनाहट होने लगती है। सुन्नन की स्थिति में किसी स्पर्श का एहसास नहीं होता। साथ ही कोई भी काम करना मुश्किल हो जाता है। कभी-कभी दर्द और कमजोरी भी महसूस होती है। आमतौर पर यह समस्या गंभीर नहीं होती और कुछ ही मिनटों के बाद खुद से या थोड़ी-बहुत मालिश के बाद ठीक भी हो जाती है। पर इसका जल्दी-जल्दी होना या देर तक असर रहना किसी अन्य रोग का लक्षण भी हो सकता है। ऐसे में इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
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अंग सुन्न पड़ने के कारण
अंग के सुन्न होने या झनझनाहट का मुख्य कारण वहां रक्त संचार की कमी है। जब शरीर के किसी भी अंग में लंबे समय तक दबाव पड़ता है या रक्त संचार ढंग से नहीं हो पाता है तो शरीर की नसों पर असर पड़ने लगता है। इससे शरीर के अंगों तक पर्याप्त मात्रा में ऑक्सीजन और रक्त संचार नहीं हो पाता है, जिससे उन अंगों में झनझनाहट होने लगती है या वे सुन्न हो जाते हैं।
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ये बहुत ही आम समस्या है जो कभी भी, कहीं भी और किसी को भी हो सकती है। ऐसे में इसके लिए कुछ आसान उपायों की जानकारी होना बेहद जरूरी है। आज हम आपको बताएंगे कुछ आसान घरेलू उपायों के बारे में जिन्हें अपनाकर आप इस समस्या से निजात पा सकते हैं।
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सुन्न पड़े अंग को ठीक करने के लिए घरेलू उपचार
- जिस अंग में समय-समय पर सुन्नपन या झनझनाहट होती है, वहां नियमित मालिश करना रक्त संचार को ठीक करता है। साथ ही उस हिस्से की मांसपेशियां भी मजबूत होती हैं।
- अगर सुन्नपन देर तक रहता है तो गुनगुने दूध में एक चम्मच हल्दी पाउडर मिलाकर पीना अच्छा आराम देता है। हल्दी रक्तसंचार ठीक करती है। एंटीबायोटिक गुणों से युक्त होने के साथ इसमें खून को पतला रखने का गुण भी होता है, जिससे तुरंत आराम मिलता है।
- हल्की गर्म सिंकाई करने से भी आराम मिलता है। इसके अलावा नियमित व्यायाम भी करना चाहिए।
- झनझनाहट होने पर दालचीनी के सेवन से भी आराम मिलता है। दाल-चीनी में जरूरी रसायन और पोषक तत्व दोनों होते हैं। यह हाथ और पैरों में रक्त संचार को बढ़ाती है। गुनगुने पानी में थोड़ा दालचीनी पाउडर मिलाकर पीने से राहत मिल सकता है।
अगर आपको बार-बार ये समस्या हो रही है तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए। क्योंकि इसे नजरअंदाज करने से आपकी परेशानी बढ़ भी सकती है।