कोरोना वायरस महामारी पूरी दुनिया में तेजी से बढ़ती जा रही हैं। चीन के वुहान से शुरू हुए इस प्रकोप के 10 माह से ज्यादा होने वाले है लेकिन अभी तक इसका कोई इलाज नहीं मिला। देश-विदेश के शोधकर्ता लगातार रिसर्च कर रहे हैं। अभी तक कोरोना वायरस के कई पहली से हम अज्ञात है। कोरोना वायरस के लक्षणों की बात करे तो रोजाना इसके नए-नए लक्षण सामने आ रहे हैं। कई मामले ऐसे सामने आ रहे हैं जिन्हें कोई लक्षण नजर न आने के बावजूद कोरोना वायरस से संक्रमित पाए जा रहे हैं। इतना ही नहीं कोरोना वायरस की रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद भी मरीज महीनों इसके लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है। इसी कारण मेडिकल एक्सपर्ट्स ने इसे 'लॉंग कोविड' नाम दिया है।
कोविड 19 उन लोगों के जीवन में सबसे ज्यादा प्रभाव डाल रहा है जो कोरोना वायरस से बच गए हैं। मेडिकल अभी इस बात को स्पष्ट रूप से साफ नहीं कर पाया है कि कुछ लोगों में कोरोना लंबे समय तक क्यों रहता है। जबकि वह वायरस इंफेक्शन से लंबे समय से झेलते हुए पूरी तरह से सही हो गए हैं।
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कोरोना वायरस के लक्षण लोगों में अलग-अलग तरीके से नजर आ रहे हैं। हालांकि लंबे समय से ग्रसित व्यक्ति को थकान सबसे कॉमन लक्षण माना जा रहा है।
वहीं कोविड के अन्य लक्षणों की बात करें तो सिर्फ सांस फूलना या खांसी की समस्या का सामना नहीं करना पड़ रहा है बल्कि लगातार जोड़ों में दर्द, मांसपेशियों में दर्द, सुनने और आंखों की समस्याओं, सिरदर्द, गंध और स्वाद की हानि, फेफड़ों की क्षति, दिल का दौरा, स्ट्रोक के साथ ही गुर्दे और आंत को नुकसान के अलावा व्यक्ति की जान भी जा सकती हैं।
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ब्रिस्टल स्थित साउथमेड अस्पताल की एक रिपोर्ट में खुलासा किया गया है कि अस्पताल में भर्ती कोविड 19 के लगभग 75 प्रतिशत मरीजों ने कोरोना वायरस मुक्त घोषित होने के बाद भी कुछ लक्षणों का सामना करना पड़ रहा है। औसतन यह लक्षण तीन महीने तक रहता है। वहीं दूसरी प्रारंभिक अध्ययन में पाया गया कि कोविड से बचे लोगों में हृदय की सूजन और हार्ट अटैक होने का समाना करना पड़ा।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन के जर्नल में प्रकाशित एक अध्ययन में रोम के सबसे बड़े अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद 143 मरीजों को फॉलो किया गया। लगभग दो महीने बाद 87 प्रतिशत रोगियों में अभी भी कम से कम एक लक्षण था और आधे से अधिक मरीज थकान की समस्या का सामना कर रहे हैं।