मॉडर्न लाइफस्टाइल में हो रहे बदलाव में बढ़ते स्क्रीन टाइम का खामियाजा सबसे ज़्यादा आंखों को उठाना पड़ रहा है। आंखों पर स्ट्रेस इतना है कि सिर्फ चश्में का नंबर ही नहीं बढ़ रहा बल्कि लोग ग्लूकोमा के शिकार भी हो रहे हैं। यही वजह है कि जहां पहले कैटेरेक्ट की परेशानी 60 साल की उम्र में होती थी तो वहीं अब कम उम्र में नजर कमजोर कर रहा है।
ग्लूकोमा एक ऐसी बीमारी है जिसमें आंखों की ऑप्टिक नर्व डैमेज होने लगती है, नर्व के खराब होने से आंखों की रोशनी भी जा सकती है। इसमे सबसे ज़्यादा डराने वाली बात यह है कि जब तक परेशानी बढ़ ना जाए तब तक कोई वॉर्निंग साइन भी नहीं दिखता और जब तक आपको लक्षण नजर आते हैं तब तक काफी ज्यादा विजन जा चुका होता है। इसलिए तो देश में लोगों की नजर सबसे ज़्यादा मोतियाबिंद ने कमज़ोर की है। भारत में हर साल 20 लाख कैटरेक्ट के नए मामले सामने आते हैं।
पिछले 2 साल में ये आंकड़े और बढ़े हैं क्योंकि कोरोना वायरस के डर से लोग ना तो अपने ग्लूकोमा को लेकर अस्पताल पहुंचे और ना ही कैटरेक्ट के आपरेशन सही वक्त पर हो सके। मोतियाबिंद होने की बड़ी वजह डायबिटीज़ और हाई बीपी भी है। आखों पर हाई बीपी का इतना खतरनाक असर पड़ता है कि रेटिना परमानेंट डैमेज हो सकता है
ऐसे में लाइफस्टाइल का स्ट्रेस और गंभीर बीमारियों के साइड इफेक्ट्स आपकी नजर धुंधली ना करें। कैटरेक्ट, मायोपिया और दूसरे आंखों के रोग से मोटा चश्मा ना चढ़े उसके लिए अभी से आंखों की केयर शुरू कर दें।
आंखों की रोशनी बढ़ाने के लिए योगासन
- अनुलोम विलोम- रोजाना 10-15 मिनट इस आसन को करें। इससे आंखों की रोशनी बढने के साथ-साथ दिमाग शांत रहेगा।
- शीर्षासन- इस आसन को करने से आंखों की रोशनी बेहतर होती है इसके साथ ही आंखों की कई समस्याएं भी कम होती है।
- सर्वांगासन - इस आसन से पूरे शरीर का व्यायाम एक साथ हो जाता है। इसके साथ ही आंखों को भी लाभ मिलता है।
एक्यूप्रेशर प्वाइंट
स्वामी रामदेव के अनुसार अंगूठे के बगल की अंगूली और दूसरी अंगुली के नीचे की जगह को दबाएं। इससे आपकी आंखों की इम्यूनिटी भी सही होगी। इसके साथ ही इससे शरीर में ऊर्जा उत्पन्न होगी।
आंखों के हर मर्ज के लिए कारगर घरेलू उपाय
- अदरक का छिलके को हटाकर एक चम्मच जूस निकाल लें। उसमें 1 चम्मच नींबू का रस, सफेद प्याज का 1 चम्मच रस, 3 चम्मच शहद मिलाकर बना लें। रोजाना इसे आंखों में 1-1 बूंद डालें।
- जल नेति से भी आंखों के लिए फायदेमंद है।
- आमल के रसायन 200 ग्राम, सप्तामृत 20 ग्राम, मुक्ता शुक्ति 10 ग्राम पाउडर को अच्छी से मिलाकर सुबह- शाम 1 चम्मच पानी के साथ लें।
- आंवला का सेवन किसी भी रूप में करें।
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